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दिड़बा के सीएचसी की शानदार इमारत डॉक्टर व स्टाफ बिना बनी सफेद हाथी

दिड़बा संगरूर सरकार द्वारा शिक्षा के साथ-साथ मुफ्त व सही समय पर सेहत सुविधाएं देना प्राथमिक जिम्मेवारी बनती है, ¨कतु सरकार यह दोनों जिम्मेवारियां निभाने में फेल साबित हुई है। दिड़बा के सरकारी अस्पताल का विगत सरकार ने दर्जा बढ़ाकर कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर किया था व चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके सरकार ने शानदार इमारत तैयार की थी। जिससे करीब 20 हजार की आबादी वाले शहर दिड़बा के लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं मिलने की उम्मीद जागी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 03:32 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 03:32 PM (IST)
दिड़बा के सीएचसी की शानदार इमारत डॉक्टर व स्टाफ बिना बनी सफेद हाथी
दिड़बा के सीएचसी की शानदार इमारत डॉक्टर व स्टाफ बिना बनी सफेद हाथी

हरमेश मेशी, दिड़बा (संगरूर)

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शिक्षा के साथ-साथ मुफ्त व सही समय पर सेहत सुविधाएं लोगों को प्रदान करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेवारी बनती है, ¨कतु सरकार यह दोनों जिम्मेवारियां निभाने में फेल साबित हो रही है। दिड़बा के सरकारी अस्पताल का पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने दर्जा बढ़ाकर कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर किया था व चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके शानदार इमारत तैयार की थी, जिससे करीब 20 हजार की आबादी वाले शहर दिड़बा के लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं मिलने की उम्मीद जागी थी। ¨कतु इस इमारत में आज तक कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर या स्टाफ पूरा न होने के चलते लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। चुनावों के समय हर बार यह मुद्दा बड़े स्तर पर उभरकर सामने आता है, ¨कतु चुनाव खत्म होने पर सरकार बनने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। 20 हजार की आबादी वाले शहर में कोई भी 24 घंटे सेहत सुविधाएं देने वाला सरकारी अस्पताल नहीं है। अस्पताल में तीन बजे के बाद ओपीडी बंद हो जाती है व इसके बाद मरीजों को प्राईवेट डॉक्टरों के पास इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज हो रही परेशानी

20 हजार की आबादी वाले दिड़बा शहर में एक सरकारी अस्पताल बनाया गया है, ¨कतु उसमें भी कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है, यहां तक कि मेडिकल डॉक्टरों के पद भी रिक्त पड़े हैं। अस्पताल में एनआरएचएम द्वारा भर्ती डॉक्टर ही कार्य कर रही है, जबकि एक दांतों के रोगों के माहिर व एक आंखों के चेकअप के लिए डाक्टर है। करीब एक माह पहले एसएमओ की भी बदली हो गई, जिस कारण यह कुर्सी भी खाली हो गई है। इसके अलावा 6 डॉक्टरों के पद खाली हैं। एक्सरे मशीन का कोई प्रबंध नहीं है। इन दिनों डेंगू की चपेट में क्षेत्र का हर घर आ चुका है, ¨कतु सरकारी अस्पताल में कोई सुविधा न होने के कारण मरीजों को प्राईवेट डॉक्टरों से महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है। विगत सरकार द्वारा मुफ्त दवाईयां देने व मुफ्त टेस्ट करवाने के लिए खोली गई दुकान को भी ताला लगा हुआ है। कमियां दूर करने संबंधी सीएम से करेंगे मुलाकात: चीमा

क्षेत्र विधायक एडवोकेट हरपाल ¨सह चीमा ने कहा कि सरकारों द्वारा सेहत सुविधाएं देने के जो वादे व दावे किए जा रहे हैं, वह जमीनी स्तर पर झूठे साबित हो रहे हैं। डॉक्टरों के रिक्त पद भरने संबंधी वह सेहत मंत्री को विशेष तौर पर मिलेंगे। क्षेत्र में सेहत सुविधाएं पूरी करने के लिए वह खुद मुख्यमंत्री से मिलेंगे। डॉक्टरों की नई भर्ती होने पर पद भरे जाएंगे: सीएमओ

सीएमओ डॉ. अरुण गुप्ता से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। इस संबंधी कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। सरकार द्वारा डॉक्टरों की नई भर्ती की जा रही है, जिसमें पहल के आधार पर दिड़बा के अस्पताल में डॉक्टर दिए जाएंगे। उन्होंने विभाग से मांग की कि कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी भेजा जाए।


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