सिविल अस्पताल में नहीं हो रहा फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन
संगरूर कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सरकार व प्रशासन की बात नहीं मान रहे लोग।
अश्वनी शर्मा, संगरूर : कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सरकार व प्रशासन बेशक लोगों को सोशल व फिजिकल डिस्टेंसिग के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन संगरूर सिविल अस्पताल का प्रशासन शायद इसके प्रति संजिदा नहीं है। अस्पताल में लगने वाली मरीजों की भीड़ के दौरान सोशल व फिजिकल डिस्टेंसिग का कतई पालन नहीं किया जाता। हैरानी की बात है कि सेहत विभाग इस प्रति गंभीर नहीं है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है। ओपीडी वार्ड में मरीजों की भीड़ को संभालने व डिस्टेंस को बनाए रखने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। लोग आपस में कंधे से कंधा मिलाकर डाक्टर के कमरे के बाहर खड़े रहते हैं, वहीं डाक्टर के कमरे के भीतर जाने से पहले भी सैनिटाइज नहीं किया जाता। ओपीडी वार्ड में नहीं मरीजों की संभाल को स्टाफ
ओपीडी वार्ड में डाक्टरों के कमरे के बाहर जमा होने वाली मरीजों की भीड़ को संभालने के लिए कोई स्टाफ सदस्य तैनात नहीं किया गया है। मरीज अपनी मर्जी से ही कमरों के बाहर लगे टेबलों पर बैठते हैं। इलाके के सभी प्राइवेट अस्पताल बंद होने के कारण सरकारी अस्पताल में मरीजों की गिनती अधिक है। मौसम के बदलते मिजाज के कारण फ्लू से पीड़ित व्यक्ति भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में मरीजों को डॉक्टर के कमरे से एक-एक मीटर की दूरी पर खड़े करने को कोई इंतजाम नहीं है। लिहाजा लोग एकजुट होकर खड़े होते हैं। फिजिकल डिस्टेंसिग है बेहद जरूरी
कोरोना वायरस से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिग बेहद जरूरी है, क्योंकि खांसते या छिकते वक्त लार के माध्यम से कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचते है। जबकि अस्पताल में मरीज एक दूसरे के साथ जुड़ कर खड़े होते हैं, जिससे इस वायरस के फैलने का भय अधिक बना रहता है। बेशक अभी तक संगरूर जिले में कोई पॉजीटिव मरीज नहीं है, लेकिन यह लापरवाही घातक साबित हो सकती है। पुलिस बल तैनात करवाएंगे: एसएमओ
सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. कृपाल से इस संबंधी बात करने पर उन्होंने कहा कि ओपीडी के समीप लिखकर लगाया गया है कि मरीज एख दूसरे से दूरी बनाकर खड़े रहें। अगर इसके बावजूद भी लोग भीड़ जमा करते हैं व एक-दूसरे के समीप खड़े होंगे तो इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस को सूचना दी जाएगी। पुलिस बल तैनात करवाएंगे।