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Protest In Sangrur: आंगनबाड़ी वर्कराें ने घेरा बस स्टैंड, बस चालक और कंडक्टरों से हुई झड़प

Protest In Sangrur अपनी मांगों की पूर्ति के लिए संगरूर के जिला प्रबंधकीय परिसर के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन सीटू की अगुआई में आंगनबाड़ी वर्करों की किसी अधिकारी ने फरियाद नहीं सुनी। माैके पर हालात तनावपूर्ण बने है।

By SACHIN DHANJASEdited By: Published: Mon, 03 Oct 2022 04:12 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 04:12 PM (IST)
Protest In Sangrur: आंगनबाड़ी वर्कराें ने घेरा बस स्टैंड, बस चालक और कंडक्टरों से हुई झड़प
Protest In Sangrur: संगरूर के जिला प्रबंधकीय परिसर के समक्ष धरना। (जागरण)

 जागरण संवाददाता, संगरूर। Protest In Sangrur: अपनी मांगों काे लेकर संगरूर के जिला प्रबंधकीय परिसर के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन सीटू की अगुआई में आंगनबाड़ी वर्करों की किसी अधिकारी ने फरियाद नहीं सुनी। रोष में आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने बस स्टैंड का घेराव करके बसों की आवाजाही ठप की। बसों को घेरने से सरकारी व प्राइवेट बसों के ड्राइवर, कंडक्टरों ने भी आंगनबाड़ी कर्मचारियों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए।

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ड्राइवर व कंडक्टरों की आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की कार्यकर्ताओं से तीखी बहसबाजी हुई, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने बस स्टैंड के दोनों गेट बंद कर दिए, जिस कारण बसें यात्रियों समेत बस अड्डे में फंस गईं। यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब पौना घंटा तक चले इस रोष प्रदर्शन में एसपी मनप्रीत कुमार, डीएसपी अजयपाल सिंह मौके पर पहुंचे। आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने एलान किया कि जब तक डीसी खुद मांग पत्र लेने के लिए नहीं पहुंचेंगे, तब तक बस स्टैंड पर बसों का चक्का जाम रखा जाएगा।

इसके बाद मौके पर पहुंचे एडीसी अनमोल सिंह धालीवाल ने आंगनबाड़ी कर्मचारियों का मांग पत्र प्राप्त करके उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाने का वादा किया। इस उपरांत बस स्टैंड का रास्ता खोला व बसों की आवाजाही दुरुस्त की। आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन पंजाब सीटू की राष्ट्रीय प्रधान उषा रानी ने कहा कि छह माह से आंगनबाड़ी कर्मचारियों को मान भत्ता नहीं मिला है, जिस कारण कर्मचारी बेहद आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं व इससे उनके घर के चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं। कई आंगनबाड़ी मुलाजिम विधवा, विक्लांग व बेहद गरीब घरों से संबंधित हैं, जिनका गुजारा मुश्किल हो गया है।

वर्करों व हेल्परों ने अधिक काम लेकर मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान करने के रोष में राशन के स्मार्ट कार्डों की इंक्वारी का बायकाट किया। स्कीम के तहत आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर कम मान भत्ते पर काम करने को मजबूर हैं। पंजाब सरकार ने सितंबर से प्री प्राइमरी कक्षाएं स्कूल से जोड़कर आंगनबाड़ी केंद्रों की रौनक छीन ली है।

आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली न्यूट्रेशन की मात्रा सही नहीं है, बेशक वर्ष में 300 दिन की खुराक देनी जरूरी है, लेकिन केंद्रों को केवल चावल व चीनी का राशन ही मिल रहा है, जिससे कैसे बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगों का हल न किया तो सीएम की संगरूर कोठी का 14 नवंबर को घेराव किया जाएगा। इस मौके पर गुरमेल कौर, मनदीप कुमारी, छत्रपाल कौर, शंकुतला धूरी, राजवंत कौर, कमल बघरौल, सबीना अहमदगढ़, दलजीत कौर आदि मौजूद थे।

ये हैं मुख्य मांगें

0 से छह वर्ष तक के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में रखे जाएं, प्री स्कूल शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्र के जरिए यकीनी बनाई जाए, नई शिक्षा नीति के तहत वर्कर व हेल्पर को प्री स्कूल शिक्षा की ट्रेनिंग दी जाए, समय पर मानभत्ता दिया जाए, अप्रैल से मान भत्ते जारी किए जाएं, न्यूट्रेशन रेसिपी समय पर सही मिकदार में मुहैया करवाई जाए, ताजा पका हुआ भोजन देने का पत्र जारी किया जाए, गैस सिलेंडर व लकड़ी के पैसे मुहैया करवाए जाएं, फिरोजपुर, फाजिल्का व होशियारपुर के आंगनवाड़ी केंद्रों की फीड तुरंत वापस विभाग में लाई जाए, पोषण ट्रैक के नाम पर आंगनबाड़ी वर्कराें का बगैर मोबाइल दिए परेशान करना बंद किया जाए, एडवाइजरी बोर्ड व चाइल्ड वेलफेयर कौसल के तहत चलते आंगनबाड़ी केंद्रों का छह महीने का मानभत्ता जारी किया जाए, एडवाइजरी बोर्ड के वर्कर हेल्पर को विभाग में शामिल किया जाए, खाली पोस्टें तुरंत भरी जाएं, वर्करों से दूसरे विभागों का काम करवाना बंद किया जाए।

बस चालक भड़के

आंगनबाड़ी कर्मचारियों द्वारा बसों को रोकने से भड़के बस चालक मनजीत सिंह, बलविंदर सिंह, जगजीत सिंह ने कहा कि वह संगरूर से पटियाला, बठिंडा, व बरेटा के रूट पर जा रहे हैं, लेकिन बस स्टैंड को घेरने से उनका टाइम मिस हो रहा है, जिसका उन्हें आर्थिक नुकसान होगा, क्योंकि बसों को सवारियां मिलने व समय पर पहुंचने पर ही उन्हें दिहाड़ी मिलेगी। बसें रोकने से कारण लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को पैदल ही अपने सामान उठाकर बस स्टैंड से दूर चौक चौराहों में जाकर बसें पकड़नी पड़ीं।


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