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शिक्षामंत्री की कोठी के समक्ष आंगनबाड़ी वर्करों ने किया प्रदर्शन

अपनी मांगें को लेकर शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला की कोठी के समक्ष किया प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 10:01 PM (IST)
शिक्षामंत्री की कोठी के समक्ष आंगनबाड़ी वर्करों ने किया प्रदर्शन
शिक्षामंत्री की कोठी के समक्ष आंगनबाड़ी वर्करों ने किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, संगरूर :

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अपनी मांगें को लेकर शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला की कोठी के समक्ष आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन का धरना 48 दिन से चल रहा है। सोमवार के धरने में ब्लाक मांगट लुधियाना की वर्करों वे हेल्परों ने मनजीत कौर के नेतृत्व में हिस्सा लेकर आवाज बुलंद की।

धरने को संबोधित करते हुए संगठन के राज्य उप प्रधान गुरमेल कौर ने कहा कि पंजाब सरकार ने चुनाव से पहले आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों से काफी विद कैप्टन प्रोग्राम में सभी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में आने के बावजूद एक भी मांग पूरी नहीं की गई। नौजवान रोजगार की आस में आयु सीमा बिता चुके हैं। किसान, मजदूर व मुलाजिम रोजगार व मांगों के लिए सड़कों पर धरने लगाने को मजबूर हैं। इस मौके सरोज बाला, दलजीत कौर ने मांग की कि तीन से छह वर्ष के बच्चों का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्रों में यकीनी बनाया जाए, आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया बकाया सहित दिया जाए, वर्करों व हेल्परों से अतिरिक्त काम न लिया जाए। यदि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो संघर्ष और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर माया कौर, बलजीत कौर, सरबजीत कौर आदि उपस्थित थे।

पश्चिमी बंगाल में भाजपा की हार में किसानों का अहम रोल : किसान नेता जागरण संवाददाता, बरनाला : केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों ने रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष 215 दिन से चल रहा है। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को रद करने की मांग की। इसी प्रकार टोल प्लाजा महलकलां व टोल प्लाजा बड़बर व भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शैंटी के गृह निवास के बाहर भी सोमवार को रोष धरना जारी रहा।

किसान नेताओं करनैल सिंह गांधी, यादविदर सिंह चुहानके, गुरजंट सिंह कादियां, मेला सिंह कट्टू, नछत्तर सिंह, बाबू सिंह, रणजीत सिंह आदि ने कहा कि किसान संगठन बंगाल में केंद्र सरकार लागू किए गए तीन काले कानून को रद करवाने के लिए गए थे व बंगाल के लोगों ने किसानों का समर्थन करते हुए भाजपा को हराकर उसका असली चेहरा दिखाया हैं।


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