नायब तहसीलदार करवाई गई अमर करण राइस मिल के जमीन की नीलामी की बोली विवादों के घेरे में
दिड़बा संगरूर नायब तहसीलदार द्वारा अमर करन राइस मिल वाका रकबा दीवानगढ़ कैंपर की नीलामी की बोली को लेकर कुछ व्यक्तियों ने नायब तहसीलदार, कानूनगो व पंजाब एग्रो के मुलाजिमों व बोलीकार से मिलीभुगत होने व नीलाम में शामिल न होने के आरोप लगाए हैं व बेश्कीमती जायदाद को कौड़ियों के दाम नीलाम करके सरकार का भी नुकसान किया है।
संवाद सहयोगी, दिड़बा (संगरूर) :
अमर करण राइस मिल वाका रकबा दीवानगढ़ कैंपर की नीलामी की बोली विवादों में घिर गई है। कुछ व्यक्तियों ने नायब तहसीलदार, कानूनगो व पंजाब एग्रो के मुलाजिमों पर बोलीकार से मिलीभगत करके नीलाम में शामिल न होने व बेशकीमती जायदाद को कौड़ियों के दाम नीलाम करके सरकार को चूना लगाने के आरोप लगाए। इस इस बारे में जानकारी देते हुए सुख¨वदर ¨सह, भू¨पदर ¨सह, पंकज बांसल, परमजीत कुमार, जगपाल ¨सह ने बताया कि उन्हें पता चला था कि अदालत के आदेशों पर 15 नवंबर को अमर करण राइस मिल दीवानगढ़ कैंपर की नीलामी है। वह उक्त प्रॉपर्टी को खरीदने के इच्छुक थे, जिस कारण वह शैलर वाली जगह पर गए व काफी समय तक उक्त मुलाजिमों का इंतजार करते रहे। जब काफी इंतजार के बाद सब तहसील में नायब तहसीलदार के दफ्तर आए तो उन्हें पता चला कि उक्त प्रॉपर्टी की नीलामी बंद कमरे में हो रही है। जब वह दरवाजा खोलकर अंदर गए तो उन्हें कुछ व्यक्ति बाहर ले आए व उन्हें बोली न देने के लिए कहने लगे। जब वह ही वापस गए तो नायब तहसीलदार ने कहा कि बोली हो गई है, अब कुछ नहीं हो सकता, जबकि उस समय बोली चल रही थी। उन्होंने कहा कि वह उक्त राइस मिल को नीलाम की गई राशि से कहीं अधिक में लेने को तैयार थे, ¨कतु नीलामी करने वाले अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह बोली बेहद कम कीमत पर हुई है। उक्त मुलाजिमों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके नियमों को दरकिनार कर पंजाब एग्रो से धोखा किया है। उन्होंने पंजाब सरकार व संबंधित विभाग को अपील की कि उक्त प्रापर्टी की दोबारा खुली बोली करवाई जाए, ताकि विभाग की सही रिकवरी हो सके।
जब इस संबंधी नायब तहसीलदार गुरबंस ¨सह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह शैलर वाली जगह पर जाकर ही नियमों व शर्तों अनुसार ही नीलामी की पूरी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। उन्होंने किसी व्यक्ति से किसी तरह की मिलीभगत नहीं की, उन पर लगाए सभी आरोप झूठे व बेबुनियाद हैं। जब इस संबंधी पंजाब एग्रो के इंस्पेक्टर राज कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि नीलामी वाले विभाग की तरफ से वह हाजिर थे ¨कतु बोली होने के बाद उन्होंने कोई हस्ताक्षर नहीं किए, क्योंकि नीलामी बेहद कम कीमत पर हुई थी। अब उनका विभाग अदालत में दोबारा नीलामी की अपील करेगा।
जब इस संबंधी डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यदि बोली सरकारी मापदंडों अनुसार नहीं की गई तो उक्त बोली रद की जाएगी।