डेढ़ माह में 400 से अधिक बेसहारा पशु गोशाला भेजे : डीसी
संगरूर बेसहारा पशु धन को शहर से सरकारी व प्राईवेट गोशाला में तबदील करने की प्रिक्रिया तेजी से चल रही है।
जागरण संवाददाता, संगरूर : लावारिस पशुओं को सरकारी व निजी गोशालाओं में भेजने की प्रक्रिया को दिन प्रतिदिन तेज किया जा रहा है, ताकि शहर में घूम रहे लावारिस पशुओं की समस्या को हल किया जा सके। पशुओं को गोशाला भेजने से जहां सड़क हादसे कम होंगे वहीं लोगों की समस्याएं भी कम होंगी।
डीसी घनश्याम थोरी के दिशा निर्देशों पर चल रही मुहिम के तहत पिछले डेढ़ महीने में 400 से अधिक बेसहारा पशुओं को सरकारी व निजी गोशालाओं में तबदील किया जा चुका है। इन बेसहारा पशुओं की अच्छे से देखभाल हो सके व रोजाना हो रहे सड़क हादसों को रोका जा सके। डीसी ने बताया कि बताया कि सर्दी का मौसम नजदीक है व धुंध के कारण राहगीरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए पिछले डेढ़ महीने से शहर को बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने की मुहिम शुरू की जा चुकी है, जिसके सार्थक नतीजे सामने आ रहे हैं। शहर को बेसहारा पशुओं से मुक्ति दिलाने के लिए सितंबर से निजी संस्थाओं द्वारा कार्य जारी है, जो रात 11 से सुबह 6 बजे तक चलता है। इसके बाद इन्हें ट्राली आदि में गोशाला झनेड़ी व बरनाला रोड़ पर स्थित गोशाला में ले जाया जाता है। प्रतिदिन इस टीम के कार्य का जायजा लिया जाता है। समूह जिले के नगर कौंसिलों के ईओ को भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि अगर कोई नगर कौंसिल अपने खर्चे पर झनेड़ी में कोई शेड बनवाना चाहती है तो उसकी मंजूरी दी जाएगी, इससे प्रशासन इन बेसहारा पशुओं को सरकारी कैटल पौंड में तबदील कर सकेंगे, जिससे पशुओं की अच्छे से संभाल को यकीनी बनाया जा सके। मौसम के अनुकूल वातावरण व हरा चारा, तूड़ी, पराली, पानी आदि की सुविधा देने के भी स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं। शहर में बाहर से बेसहारा पशुओं के दाखिल होने व बाहरी व्यक्तियों द्वारा पशु शहर में छोड़े जाने के संबंधी भी रात 10 बजे से 5 बजे तक टीमें कार्यशील रहती हैं। इन टीमों की अचानक जांच ईओ व अन्य स्टाफ करता है।