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संगरूर में 20 लाख मीट्रिक टन निकलेगी पराली, प्रशानस ने कसी कमर

संगरूर संगरूर में इस साल 20 लाख टल पराली का उत्पादन होगा प्रशासन भी तैयार है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 11:07 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 11:07 PM (IST)
संगरूर में 20 लाख मीट्रिक टन निकलेगी पराली, प्रशानस ने कसी कमर
संगरूर में 20 लाख मीट्रिक टन निकलेगी पराली, प्रशानस ने कसी कमर

जागरण संवाददाता, संगरूर

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जिला संगरूर के 2.84 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की फसल की काश्त की गई है। धान की फसल के साथ ही धान की पराली के रूप में 20.31 लाख मीट्रिक टन अवशेष बचेंगे, जिसे आग लगाने के प्रति किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है, वहीं सैटेलाइट की मदद से भी धान की पराली जलने से रोकने के लिए प्रबंध किए गए हैं। सरकार के आदेशों पर पराली को आग लगाने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसके तहत जुर्माने के अलावा सजा का भी प्रावधान है। बेशक प्रशासन धान की पराली को आग लगाने से रोकने के लिए लाख कोशिशें क रहा है, लेकिन फिर भी किसान चोरी-छुपे धान की पराली को आग लगा रहे हैं। जिला प्रशासन ने संगरूर में धान की पराली को आग लगाने के मामलों पर नजर रखने के लिए कमेटी का गठन किया गया है, ताकि किसानों को जागरूक करने के साथ आग लगाने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई की जा सके। डीसी घनश्याम थोरी ने पंजाब सरकार के आदेशों पर धान की पराली को आग लगाने के केसों पर निगरानी के लिए जिला स्तर पर सैल स्थापित किया है। इस तीन सदस्यीय कमेटी में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर विकास राजिदर बत्रा, मुख्य खेतीबाड़ी अफसर जेपीएस ग्रेवाल, पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड के अधिकारी हरजीत सिंह को शामिल किया गया है। यह कमेटी पराली को आग लगाने की घटनाओं पर नजर रखेगी तथा हर दिन अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट के आधार पर ही अगली कार्रवाई की जाएगी। पराली न जलाने के प्रति गंभीरता दिखाएं गांवों की पंचायतें

एसडीएम मालेरकोटला बिक्रमजीत सिंह पांथे ने कहा कि गांवों में पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए अब गांव के नंबरदार, सरपंच व पंचायतें भी गंभीरता से कार्य करें। अगर कोई किसान पराली को आग लगा नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके बारे में तुरंत सबंधित अधिकारी को जानकारी दी जाए। उन्होंने गांवों के नंबरदारों, सरपंचों व पंचायतों को पराली जलाने के नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक करने को कहा। अगर कोई भी किसान पराली को आग लगाता है तो इसकी सूचना ब्लाक विकास व पंचायत अधिकारी, खेतीबाड़ी अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी सभा, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व पुलिस को तुरंत दी जाए। किसानों की कर्ज माफी के केसों में जांच के दौरान इस बात की खास तौर पर जांच होगी कि इस किसान ने पराली को आग लगाई या नही। कार्यकारी इंजीनियर पीएसपीसीएल, बीडीपीओ, तसीलदार, खेतीबाड़ी अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी सभाओं, पटवारी, सहकारी सभा सचिव, खेतीबाड़ी इंस्पेक्टर, जेई, लाईनमैन व सहायक लाइनमैनों द्वारा पराली को आग लगाने के मामलों पर पूरी नजर रखी जाएगी। 18 अक्टूबर को निकालेंगे

डीसी घनश्याम थोरी ने कहा कि खेतीबाडी़ विभाग व किसान भलाई विभाग पंजाब के सचिव के आदेशों पर जिले संगरूर के ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइमरी, मिडल, हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के छात्र 18अक्टूबर को अपने अपने क्षेत्रों में 9 बजे से 10 बजे तक जागरूकता रैलियों द्वारा किसानों को पराली जलाने के नुकसान के प्रति जागरूक करेंगे। बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं इसी लिए बच्चे खुद पराली के नुकसानों के प्रति जागरुक हो, अपने माता पिता को पराली के नुकसानों के प्रति जागरुक करेंगे। छात्रों को पराली जलाने के नुकसानों के प्रति पूरी जानकारी दी जा चुकी है व उन्हें बताया गया है कि किस तरह धरती के नीचे पानी को बचाने के लिए, झाड़ में बढ़ोतरी के लिए व सबसे अहम हमारे वातावरण को बचाने के लिए बताया जा चुका है। इसके अतिरिक्त धरती के लाभकारी तत्वों के नुकसान व वातावरण में फैल रही जहरीली गैसों के बारे में भी जानकारी दी गई है। प्रांतीय सरकार द्वारा पराली को जलाने से रोकने के लिए बड़ी मुहिम शुरु की गई है। इस मुहिम को तब अच्छा प्रोत्साहन मिलेगा जब ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र वातावरण को बर्बाद होने से बचाने के लिेए अपनी आवाज बुलंद करेंगे।


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