भाखड़ा बांध में गिरा जल स्तर, 15313 क्यूसिक पहुंची पानी की आवक
हिमाचल से पंजाब की ओर आने वाली नदियों सतलुज तथा व्यास में पानी की कमी आ जाने के कारण भाखड़ा बाध तथा अन्य जलाशयों का जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है।
सुभाष शर्मा, भाखड़ा बाध (नंगल): हिमाचल से पंजाब की ओर आने वाली नदियों सतलुज तथा व्यास में पानी की कमी आ जाने के कारण भाखड़ा बाध तथा अन्य जलाशयों का जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। भाखड़ा बाध में पानी की आवक जहा पिछले साल इस समय 24070 क्यूसिक तक बनी हुई थी, वहीं यह आवक वीरवार प्रात छह बजे दर्ज आकड़ों के अनुसार 15313 क्यूसिक तक सिमट आई है। गिरावट के बावजूद भाखड़ा बाध से भागीदार प्रातों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली की जरूरतों को पूरा करने के लिए बाध से 26186 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। वीरवार को नंगल हाइडल चैनल में 12350 क्यूसिक, श्री आनंदपुर साहब हाइडिल चैनल में 10150 क्यूसिक तथा सतलुज दरिया में 2700 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है।
उधर पानी की कम हुई आवक का असर पौंग बाध के जलाशय पर भी पड़ा है। इस बाध का जलस्तर इस समय 1370.63 फीट तक बना हुआ है, जबकि पिछले साल यह आकड़ा 1385.70 फीट था। पिछले साल इस बाध में 12227 क्यूसिक पानी आ रहा था, जो इस समय कम होकर 2947 क्यूसिक तक पहुंच गया है। रणजीत सागर बाध में भी पानी की आवक 2344 क्यूसिक तक आ जाने के कारण जलस्तर 513.70 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि आवक का यह ग्राफ पिछले साल वीरवार के दिन 8000 क्यूसिक था। सितंबर माह में जरूरत के अनुसार बारिशें नहीं हुई हैं। यही वजह है कि भाखड़ा बाध में जलस्तर पिछले साल इस दिन की तुलना में 22.94 फीट कम है। पिछले साल भाखड़ा बाध का जलस्तर इस दौरान 1673.83 फीट था, जबकि इस समय जलस्तर 1650.89 फीट है। पानी के उचित प्रयोग का किया आग्रह
फोटो 8 एनजीएल 14 में है। भाखड़ा बांध के डायरेक्टर वाटर रेगूलेशन इंजी. सीपी सिंह ने कहा कि सितंबर माह में बारिश कम होने के कारण ही इस समय जलस्तर व आवक पर असर पड़ा है। बीबीएमबी ने अपने भागीदार प्रांतों से यह आग्रह कर दिया है कि पानी मांग के अनुसार ही लिया जाए। हालांकि चिंता की कोई बात नहीं, फिर भी अप्रैल से आगे पानी की होने वाली भारी मांग के मद्देनजर इस समय सोच समझकर ही जमा किए गए पानी का प्रयोग करना चाहिए। इस समय पर्याप्त जलस्तर के कारण प्रांतों की मांग अनुसार भाखड़ा बांध से पानी छोड़ा जा रहा है।