सतलुज का जलस्तर बढ़ा, आसपास के गांवों की चिंता बढ़ी
भाखड़ा डैम से पानी सतलुज दरिया में छोड़े जाने के कारण नूरपुरबेदी क्षेत्र के दरिया सतलुज के किनारे बसे गांवों को बाढ़ के पानी की आपदा ने घेर लिया है।
संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी : हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश और भाखड़ा डैम से पानी सतलुज दरिया में छोड़े जाने के कारण नूरपुरबेदी क्षेत्र के दरिया सतलुज के किनारे बसे गांवों को बाढ़ के पानी की आपदा ने घेर लिया है। दरिया सतलुज में जलस्तर बढ जाने के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई है। इस संबंध में क्षेत्र के गांव अमरपुर बेला, बुर्ज, गोबिदपुर बेला, शाहपुर बेला, चंदपुर सहित क्षेत्र के अन्य गांवो में सतलुज में पानी पूरे उफान पर है। गांव अमरपुर बेला में बने साइफन में जंगली घास-बूटु के फंसने के कारण पानी साइफन के ऊपर से जा रहा है। जानकारी के अनुसार दरिया सतलुज में बढ़े जलस्तर के कारण आनंदपुर साहिब को वाया बुर्ज जाने वाले रास्ते से आवागमन ठप्प हो गया है।इस मौके गांव अमरपुर बेला के सरपंच मनदीप सिंह, सतनाम सिंह, भूपिदर सिंह, चन्नण सिंह, नंबरदार करम सिंह, सुखपाल सिंह आदि ने बताया कि उनकेगांव सतलुज के किनारे के साथ लगता है। दरिया में बाढ़ आने के कारण पानी साइफन के ऊपर से निकल रहा है और आनंदपुर साहिब को जाने वाला रास्ता बंद हो गया है। क्षेत्रवासियों द्वारा गांव को बाढ़ से बचाने के लिए साइफन के नीचे फंसे घांस-फुस व जंगली बूटी आदि को बाहर निकालने के प्रयास किए जारहे हैं। लोगों ने बताया कि दरिया के पानी क कारण उनकी फसलों को भी भारी नुक्सान पहुंचा है। लोगों ने बताया कि उनकीसैकड़ों एकड़ मक्की की फसल पानी में डुब गई है। जिसके कारण उनका काफी आर्थिक नुक्सान हुआ है।इस मौके गांव बुर्ज के नंबरदार सतनाम सिंह ने बताया कि सतलुज दरिया में जलस्तर बढने के कारण गांव को बचाने के लिए लगाई क्रेटवाल (बांध) के टुटनेका भी खतरा बन गया है। उन्होंने बताया कि सचखंड वासी संत बाबा लाभ सिंह द्वारा बनाए गए बुर्ज के पुल की सुरक्षा के लिए लगाई क्रेटवाल (बांध) हिलगई है। जिसके कारण पुल की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गया है। यदि प्रशासन द्वारा भाखड़ा से छोड़े जा रहे पानी से लोगों की जान-माल की रक्षा के लिएजल्द ही ठोस कदम ना उठाए गए तो स्थिति खराब भी हो सकती है। इस मौके गांव बुर्ज के प्रधान यूथ क्लबल जरनैल सिंह, परमजीत सिंह, हरमेश सिंह, शेरसिंह, गुरमेल सिंह आदि ने कहा कि उनकी फसलों व घरों को बचाने के लिए लगाए डंगे मजबूत होने चाहिए।