Move to Jagran APP

सन्नी हत्या कांड मामले में ट्रक यूनियन प्रधान मग्घर ¨सह के बेटे को उम्रकैद

जागरण संवाददाता, रूपनगर : नंगल रोड पर मग्घर ¨सह के आरे के पास मई 2012 में हुए बहुचर्चित सन्नी हत्याकांड में जिला एवं सेशन कोर्ट ने पांच साल भगौड़ा रहे आरोपित म¨नदर ¨सह उर्फ मोंटी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 03:00 AM (IST)
सन्नी हत्या कांड मामले में ट्रक यूनियन प्रधान मग्घर ¨सह के बेटे को उम्रकैद
सन्नी हत्या कांड मामले में ट्रक यूनियन प्रधान मग्घर ¨सह के बेटे को उम्रकैद

जागरण संवाददाता, रूपनगर : नंगल रोड पर मग्घर ¨सह के आरे के पास मई 2012 में हुए बहुचर्चित सन्नी हत्याकांड में जिला एवं सेशन कोर्ट ने पांच साल भगौड़ा रहे आरोपित म¨नदर ¨सह उर्फ मोंटी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में तीन दोषियों को पहले उम्रकैद एवं जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। जिला एवं सेशन जज बल¨वदर ¨सह संधू ने दोषी मोंटी को 50 हजार रुपए जुर्माना किया है। जुर्माने की रकम में से 40 हजार रुपए मृतक के वारिसों को मिलेगा।

prime article banner

पिछले साल अक्टूबर में किया था मोंटी ने आत्मसमर्पण

पांच साल से भी ज्यादा समय से हत्या मामले में दोषी मनिदंर ¨सह उर्फ मोंटी भगौड़ा रहा था। करीब एक साल पहले 25 अक्टूबर 2017 को मोंटी ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था। दोषी करार दिया गया युवक मोंटी रूपनगर ट्रक यूनियन के प्रधान मग्घर ¨सह का बेटा है। जोकि 22 मई 2012 में नंगल मार्ग पर मग्गर ¨सह के लक्कड़ के आरे पर हुए हत्या के मामले में पुलिस को वांछित है। हुसैनपुर के रहने वाले म¨नदर ¨सह उर्फ मोटी व अन्य के खिलाफ थाना सिटी रूपनगर में 22 मई 2012 को हत्या का मामला दर्ज हुआ था। मामले में तीन आरोपित और भी थे, जिनमें अमनदीप ¨सह उर्फ कैंठा मुख्य आरोपित है।

मग्घर ¨सह के आरे के आगे हुई थी सतवंत सन्नी की हत्या

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक जिस आरे पर सतवंत ¨सह सन्नी पुत्र गुरजंट ¨सह निवासी नूहों कालोनी की हत्या हुई, वो मोंटी के पिता मग्घर ¨सह का था। मग्घर ¨सह पिछली अकाली सरकार की सरपस्ती हासिल किए हुए था। सतवंत ¨सह सन्नी का परिवार मग्घर ¨सह पर राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग करके बेटे को पुलिस के चुंगल से बचाने का भी आरोप लगाता रहा था। सतवंत ¨सह सन्नी का जिस समय तेजधार हथियार से कत्ल किया गया, तब वो क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए कलेक्शन करके वापस लौट रहा था। उसे आरोपियों ने मग्घर ¨सह के आरे पर धोखे से रोककर उसकी हत्या की थी। उसकी जांघ में किए गए तेजधार हथियार के वार से उसकी मुख्य नस कट गई थी तथा लगातार खून बहने तथा समय पर डाक्टरी सहायता न मिलने के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में बाकी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, केवल आरोपी मोंटी ही पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। अकाली सरकार के कार्यकाल में आरोपी मोंटी पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। सत्ता परिवर्तन के बाद आरोपी मोंटी ने अदालत के जरिये आत्मसर्मपण किया था।

पहले तीन दोषियों को चुकी है सजा

बता दें कि हत्या मामले में दोषी अंकुर को 13 नवंबर 2013 तथा अमनदीप ¨स कैंठा तथा जय ¨सह को 20 जनवरी 2015 को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई। दोषियों को दस दस हजार रुपए जुर्माना भी किया गया था।

ये है पेंच

इस मामले में सबसे अहम पेंच ये है कि जब मोंटी भगौड़ा था तो रूपनगर पुलिस ने तत्कालीन सीजेएम राज¨वदर ¨सह की अदालत में मोंटी की बेगुनाही को लेकर कंसलेशन रिपोर्ट दायर की थी। जिसे जज ने मंजूर नहीं किया था। मुद्दा ये है कि जब मोंटी पुलिस की पकड़ में ही नहीं आया था तो पुलिस ने कैसे उसकी बेगुनाही की रिपोर्ट बना दी। अपने बयान में आत्मसमर्पण के बाद मोंटी ने कहा था कि जो कार उनके पास वारदात के समय थी, वो उसने गुवहाटी में किसी व्यक्ति को इसलिए बेच दी थी ताकि वो मामले में पकड़ा न जाए। इस मामले भी पुलिस ने सबूत खुर्दबुर्द करने के आरोप में मोंटी पर केस दर्ज किया था।

अदालत पर यकीन और मजबूत हुआ: गुरजंट ¨सह

सतवंत ¨सह सन्नी के पिता गुरजंट ¨सह ने कहा कि उन्हें अदालत पर यकीन था तथा अदालत ने उन्हें इंसाफ दिलाकर उनका यकीन और मजबूत किया है। गुरजंट ने कहा कि सियासी नेताओं को इंसाफ के रास्ते में अड़चन नहीं बनना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.