अरुणाचल में कोविड से दम तोड़ने वाले चीफ गोताखोर बीरबल पंचतत्व में विलीन
भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के चीफ गोताखोर बीरबल का अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आने के बाद बीते दिनों देहात हो गया है।
जागरण संवाददाता, नंगल: भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के चीफ गोताखोर बीरबल का अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आने के बाद बीते दिनों देहात हो गया था। रविवार को उनका उनके पैतृक गाव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बीबीएमबी के मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन नंगल भाखड़ा मजदूर संघ इंटक व साझा मोर्चा ने माग की गई थी कि उनके शव को यहां लाया जाए, जिसके तहत बीरबल का पार्थिक शव अरुणाचल प्रदेश से विमान के रास्ते चंडीगढ़ व आगे सड़क मार्ग के रास्ते उनके पैतृक गाव दसलेहड़ा जिला हमीरपुर पहुंचाया गया, जहां उनका उनका अंतिम संस्कार किया गया।
इस मौके पर इंटक व साझा मोर्चा ने उनके शव को पुष्प अर्पित किए गए। उनके निधन पर इंटक के प्रधान सतनाम सिंह लादी, विनोद राणा, नवीन चंद्र शर्मा, मनोज वर्मा, शमशेर सिंह, अशोक कुमार, परमजीत सिंह, कश्मीर सिंह, दलजीत राणा, कुलदीप सिंह, मनोज वर्मा, हरजिंदर सिंह गजपुर, भोले के नाथ, नरेंद्र सिंह, स्वराज, मनमोहन संगेलिया, यशपाल व रणबीर पटियाल ने दुख जताया है। इनके अलावा बीबीएमबी आल इंप्लाइज यूनियन के हरपाल राणा, सुरेश शुक्ला, भाखड़ा मजदूर संघ के नरेश रेड, रणवीर राणा, सफाई मजदूर यूनियन के रिमल दास, बलवीर सिंह, दलबीर सिंह, बीबीएमबी कलेरीकल यूनियन के शिव चरण, विवेक द्विवेदी, मोहन लाल, बीबीएमबी क्लास फोर यूनियन के गोपाल, संदीप गुलाटी, अवतार सिंह, ड्राइवर यूनियन के कमल सेन व संजय बोहत और चंद्र मोहन आदि ने दुखी स्वजनों से संवेदना जताई। वहीं संघ ने बीबीएमबी प्रबंधन से माग की है कि गोताखोर बीरबल को फ्रंट लाइनर कोरोना योद्धा मानते हुए परिवार को 50 लाख की राशि की सहायता दी जाए व उसके एक परिवारिक मेंबर के लिए नौकरी देने के लिए पोस्ट रिजर्व की जाए। इसी के साथ बीबीएमबी प्रबंधन व पंजाब सरकार से माग की है कि कोरोना महामारी के चलते किसी भी कर्मचारी को खासकर मेडिकल स्टाफ को जबरदस्ती बाहर न भेजा जाए।