जगतार ¨सह अस्पताल में दाखिल
रूपनगर रूपनगर-चंडीगढ़ मार्ग पर बहरामपुर जमींदारा के टोल प्लाजा के समीप होमगार्ड रिटायर्ड वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में गत सात अगस्त से शुरू किया गया मरणव्रत 12 वें दिन में प्रवेश तो कर गया लेकिन इस संघर्ष को कुचलने के उद्देश्य से शनिवार सुबह होते ही जिला प्रशासन ने पुलिस की सहायता से मरणव्रत पर बैठे जगतार ¨सह को जबरी उठाते हुए सिविल अस्पताल में दाखिल करवा दिया।
संवाद सहयोगी, रूपनगर
रूपनगर-चंडीगढ़ मार्ग पर बहरामपुर जमींदारा के टोल प्लाजा के समीप होमगार्ड रिटायर्ड वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में गत सात अगस्त से शुरू किया गया मरणव्रत 12 वें दिन में प्रवेश तो कर गया लेकिन इस संघर्ष को कुचलने के उद्देश्य से शनिवार सुबह होते ही जिला प्रशासन ने पुलिस की सहायता से मरणव्रत पर बैठे जगतार ¨सह को जबरी उठाते हुए सिविल अस्पताल में दाखिल करवा दिया। अब पुलिस घेरे के बीच जगतार ¨सह का इलाज चल रहा है, जबकि डॉक्टरों के अनुसार जगतार की हालत जोकि पिछले तीन दिनों से खराब चल रही थी, अब स्थिर बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि रिटायर्ड होमगार्ड जवानों व कार्यरत जवानों की मांगों को लेकर होमगार्ड रिटायर्ड वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में गत 10 जुलाई से जारी सरकार विरोधी अनिश्चितकालीन धरना 41 वें दिन में जबकि गत 18 जुलाई से शुरू की गई क्रमवार भूख हड़ताल भी 33 वें दिन में प्रवेश कर गई है। लगभग 11 बजे जब धरने पर बैठे जवानों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी शुरू की । ठीक उसी वक्त तहसीलदार आनंदपुर साहिब सु¨रदर कुमार के नेतृत्व में थाना ¨सह भगवंतपुर के इंचार्ज इंस्पेक्टर बल¨वदर ¨सह व सिविल अस्पताल के डाक्टर महेश गोयल पुलिस के 25-30 जवानों के साथ धरना स्थल पर पहुंच गए। बस फिर क्या था इससे पहले कि होमगार्ड जवान कुछ समझ पाते पुलिस के जवानों ने तहसीलदार के आदेशों पर मरणव्रत पर बैठे जगतार ¨सह को उठाया व एंबुलेंस में डालते हुए सिविल अस्पताल रूपनगर पहुंचा दिया। अस्पताल लाए जाने के बाद इमरजेंसी में जगतार ¨सह को भर्ती करते हुए उसका इलाज तो शुरू कर दिया गया है , लेकिन जगतार ¨सह अपने मरणव्रत को छोड़ने के लिए फिलहाल तैयार नहीं है।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि जिला प्रशासन चाहे कितना भी धक्का क्यों न कर ले उनका धरना तथा जगतार ¨सह का मरणव्रत लगातार जारी रहेगा। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष गुरदीप ¨सह ने कहा कि एसोसिएशन की तरफ से लगाया गया मोर्चा अब मांगें मंजूर होने के बाद ही हटाया जाएगा । यह भी चेताया कि अगर इस दौरान कोई अनहोनी हुई तो उसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार की होगी।