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नहीं चली एंबुलेंस , मांगों लेकर हड़ताल पर रहे कर्मचारी

रूपनगर बुधवार को 108 एंबुलेंस कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। जिला रूपनगर में कुल 6 एंबुलेंस गाड़ियां हैं, जिनकी सेवा बंद रखी गई। सिविल अस्पताल रूपनगर में एकत्र हुए कर्मचारियों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि 108 एंबुलेंस कर्मचारी अपनी ड्यूटी पूरी इमानदारी तथा तनदेही के साथ कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है,

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 10:39 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 10:39 PM (IST)
नहीं चली एंबुलेंस , मांगों लेकर हड़ताल पर रहे कर्मचारी
नहीं चली एंबुलेंस , मांगों लेकर हड़ताल पर रहे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, रूपनगर

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बुधवार को 108 एंबुलेंस कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। जिला रूपनगर में कुल 6 एंबुलेंस गाड़ियां हैं, जिनकी सेवा बंद रखी गई। सिविल अस्पताल रूपनगर में एकत्र हुए कर्मचारियों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि 108 एंबुलेंस कर्मचारी अपनी ड्यूटी पूरी इमानदारी तथा तनदेही के साथ कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है, जिसके कारण आज पूरे पंजाब स्टेट कमेटी के फैसले के अनुसार 108 एंबुलेंस सेवा 12 घंटों के लिए बंद रखी गई है। इस फैसले का एलान 26 जून को प्रशासनिक निर्देशक पंजाब हेल्थ सिस्टम निगम फेस 6 मोहाली दफ्तर द्वारा किया गया था। इस मौके भरभूर ¨सह, संदीप ¨सह, करमजीत ¨सह, गुरदीप ¨सह, भु¨पदर ¨सह, गुरप्रीत ¨सह, शम्मी, र¨वदर ¨सह ने कहा कि यदि हमारी मांगों का कोई हल नहीं होता, तो आने वाले दिनों में किसी भी समय पूरे पंजाब में 108 एंबुलेंस सेवा अनिश्चित समय के लिए बंद की जाएगी। जिसकी जिम्मेवारी पंजाब सरकार की होगी। ये हैं यूनियन की मांगें उन्होंने अपनी मांगो संबंधी जानकारी देते हुए बतया कि उनकी ड्यूटी 12 घंटों की जगह 8 घंटे करने, पिछले 4 साल का बनता इंक्रीमेंट ब्याज सहित लागू करने, बराबर काम बराबर वेतन का कानून लागू करने की मांग की गई। इएमटी को एंबुलेंस मैनेजर बना दिया गया है, उन्हें वापस इएमटी बनाया जाए तथा वेतन 7 तारीख तक दिया जाए। कर्मचारियों की बदलियां तथा टर्मीनेशन तुरंत रद्द की जाएं। निकाले गए 36 कर्मचारियों को तुरंत नौकरी पर लिया जाए। न पंखे और न ही दवाइयां उन्होंने 108 एंबुलेंसों की खस्ता हालत के बारे में बताते हुए कहा कि एंबुलेंसों की हालत इतनी खराब है कि एंबुलेसों में मरीजों के लिए पंखा तक नहीं है। एंबुलेंसों में दवाइयां भी लंबे समय से नहीं है। स्ट्रेचर भी टूट गए हैं। गाड़ी में अतिरिक्त टायर तक नहीं है अगर रास्ते में गाड़ी का टायर पंक्चर हो जाए तो वह क्या करेंगे। इन सभी कमियों के कारण उन्हें तथा मरीजों को रोजाना परेशान होना पड़ता है। उन्होंने मांग की है कि गाड़ियों की मेंटीनेंस समय समय पर करवाई जाए। एक वीआइपी ड्यूटी पर रही स्वास्थ्य विभाग की सिविल अस्पताल के पास दो एंबुलेंसों में से एक एंबुलेंस आनंदपुर साहिब में वीआइपी ड्यूटी पर रही, जबकि एक ही एंबुलेंस अस्पताल में खड़ी रही। आनंदपुर साहिब में विश्व जनसंख्या दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह आनंदपुर साहिब में था।


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