प्रभु श्री राम की तरह सभी जीवन में अपनाएं मर्यादा : स्वामी कृपालानंद
समीपवर्ती परम लोक आश्रम दड़ौली में आयोजित श्री राम कथा एवं शिव मानस यज्ञ का धार्मिक कार्यक्रम के छठे दिन सोमवार को भक्तजनों का अध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हुए आश्रम के संचालक स्वामी कृपालानंद महाराज ने कहा कि श्रीराम चरित्र अति विचित्र है और परम पवित्र भी है।
जागरण संवाददाता, नंगल : समीपवर्ती परम लोक आश्रम दड़ौली में आयोजित श्री राम कथा एवं शिव मानस यज्ञ का धार्मिक कार्यक्रम के छठे दिन सोमवार को भक्तजनों का अध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हुए आश्रम के संचालक स्वामी कृपालानंद महाराज ने कहा कि श्रीराम चरित्र अति विचित्र है और परम पवित्र भी है। देवता भी श्रीराम के चरित्र के रहस्य को नहीं समझ पाते। श्रीरामचरित मानस का मुख्य सारांश यही है कि हमें प्रभु श्री राम की तरह मर्यादित होकर अपने जीवन के उत्तरदायित्व को निभाना होगा। आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रचलन के चलते जिस प्रकार से भारतीय संस्कृति के मूल्यों पर प्रहार हो रहा है, उसी के परिणामस्वरूप आज हमारी युवा पीढ़ी तेजी से भ्रमित हो रही है। ऐसे में यदि भारतीय संस्कृति वेदों, पुराणों, ग्रंथों में बताए प्रेरणा प्रसंगों का प्रसार नहीं किया गया तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हमारी भावी पीढ़ी को भुगतने पड़ेगे। पूज्य श्री ने कहा कि विद्वान बनना आसान है। सुजान और महान बनना भी आसान है, लेकिन इंसान बनना कठिन है। उन्होंने सभी धार्मिक संगठनों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करे, तभी समृद्घ व मर्यादित भारत वर्ष समूचे विश्व का मार्गदर्शन करने में सक्षम हो सकेगा। 'श्रीराम जयराम जय जय राम' के उच्चारण से समूचा पंडाल भक्तिरस से सराबोर बन गया।
कार्यक्रम में समनतानंद पुरी, पं. राकेश कुमार सेठी, पं. केशव, पं. अखिलेश, डॉ. शादी लाल, योगाचार्य आरएस राणा, प्रेम भारद्वाज, पवन कुमार, पीके शर्मा, हरीश चंद्र, विश्वानाथ, मधु बाला, सोढी राणा, मोहन भाई, सुखदेव, अजय कुमार, विनोद कुमार, महेंद्र कुमार, करनैल सिंह राणा, श्वेता राणा आदि सहित बड़ी संख्या में भक्तजनों ने कथा सुनते हुए प्रभु के नाम की जय-जयकार की।