वर्टिकल शॉफ्ट से पाइपलाइन न जुड़ने से शहर में पानी की किल्लत
शहर में हर साल गर्मी में लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। इस बार लोगों को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें समस्या आएगी क्योंकि चार लाख गैलेन की क्षमता की टंकी है
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर : शहर में हर साल गर्मी में लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। इस बार लोगों को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें समस्या आएगी, क्योंकि चार लाख गैलेन की क्षमता की टंकी है और वाटर सप्लाई एवं सीवरेज विभाग शहर के बाहरी इलाके में पेयजल सप्लाई दे रहा है। हैरानी की बात है कि शहर में पेयजल के लिए 46 किलोमीटर नई पाइपलाइन तो डाल दी गई और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा पानी को स्टोर करने के लिए चार लाख गैलेन की बड़ी टंकी भी है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त पानी का बंदोबस्त नहीं है।
हालात ये हैं कि भाखड़ा नहर से साइफन के जरिये पानी मेन वाटर वकर्स में आ रहा है, उसी को चार घंटे नई टंकी के लिए लिया जाता है और बाकी समय कौंसिल पूरे शहर में पानी की सप्लाई देती है। अहम बात ये है कि जिस साइफन से पानी भाखड़ा नहर से आ रहा है, वो 1992 में स्थापित किया गया था तब शहर की आबादी 10-12 हजार थी और अब आबादी 60 हजार के आसपास है। पांच क्यूसिक तक पानी की सप्लाई मंजूरी के तहत शहर ले सकता है, लेकिन वर्टिकल शाफ्ट जो पानी की गति को बढ़ाती है, का निर्माण 11 साल में हो पाया है। अभी मेन लाइन से इसे जोड़ा नहीं जा सकता है, जिस कारण ढाई क्यूसिक पानी की सप्लाई ली जा रही है। कौंसिल प्रबंधन को शंका है कि अगर अब वर्टिकल शाफ्ट जुड़ी तो पुरानी पाइप लाइन में लीकेज आ सकती है। इससे पानी की सप्लाई बाधित हो सकती है। बाक्स
पूरे शहर में पानी की किल्लत
शहर में कोई भी इलाका नहीं है जहां पानी की किल्लत है। चाहे वो अकाली दल के पूर्व पार्षद से संबंधित है, चाहे वो कांग्रेस या आजाज पूर्व पार्षद से संबंधित है। शहर की सर्कुलर रोड के भीतर ऊंचा खेड़ा, छोटा खेड़ा, रामा मंदिर, जैन मोहल्ला चार हट्टियां, मिल नगर इलाके में पीने के पानी की किल्लत है। वहीं, सर्कुलर रोड के बाहर की कॉलोनियों गार्डन कालोनी, दशमेश नगर, हरगोबिद नगर, लखविदरा एंक्लेव, महिदरा कॉलोनी आदि में नई टंकी की सप्लाई पिछले दो दिन से नहीं हो पाई है। पहले इन कॉलोनियों को एक दिन छोड़कर पानी दिया जाता है।
पाइपलाइन को बिना मंजूरी कैसे जोडा गया मेन वाटर वकर्स से: पोमी
पूर्व पार्षद पोमी सोनी ने कहा कि अगर नगर कौंसिल प्रबंधन ने सीवरेज एवं वाटर सप्लाई विभाग की नई पाइप लाइन को वाटर वकर्स से जोड़ने की मंजूरी नहीं दी तो कैसे पाइप लाइन जुड़ गई। अब जो इंक्वायरी की मांग की जा रही है इसकी तभी जांच कर ली जाती तो लोगों को परेशानी न होती।