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सरकार की बेरुखी से विकास में पिछड़ा सरसा नंगल

सरसा नंगल के 92 वर्षीय बुजुर्ग नंबरदार उजागर सिंह ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह स्पीकर राणा केपी सिंहडीसी रूपनगर सोनाली गिरी और अन्य विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:23 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 01:23 AM (IST)
सरकार की बेरुखी से विकास में पिछड़ा सरसा नंगल
सरकार की बेरुखी से विकास में पिछड़ा सरसा नंगल

संवाद सूत्र, भरतगढ़ : सरसा नंगल के 92 वर्षीय बुजुर्ग नंबरदार उजागर सिंह ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह, स्पीकर राणा केपी सिंह,डीसी रूपनगर सोनाली गिरी और अन्य विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में बताया कि उन्होंने अपने गांव में राज्य सरकार व जिला प्रशासन के सहयोग से 1954 से 1991 तक लाइब्रेरी, स्टेडियम, डाकखाना, पटवारखाना, मिडल स्कूल, हाई स्कूल, प्राइमरी स्कूल, सेकेंडरी स्कूल, पशु अस्पताल, डिस्पेंसरी, बैंक और अन्य विकास कार्य करवाए। तीस साल से उनके किए विकास कार्यो पर सरकार और प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, जिससे गांव विकास पिछड़ता जा रहा है। नंबरदार उजागर सिंह इस गांव के दो साल पंच और तीस साल सरपंच और अब 74 साल से बतौर नंबरदार सेवा कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मार्ग के निर्माण के दौरान कई इमारतें तबाह हुई हैं। जिनमें कुछ तो विभाग द्वारा मुआवजे से अस्तित्व में आ गई हैं, लेकिन हरिजन धर्मशाला नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि 1991 में पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल ने भरोसा दिया था कि जरूरी रैंप लग जाएगा, लेकिन अधिकारियों के लापरवाही के कारण यह रैंप अब तक नहीं बनने के कारण अफसोस है। उन्होंने कहा कि अफसोस इसका है कि धर्मशाला की इमारत का नींव पत्थर पूर्व मंत्री मदन मोहन मित्तल ने 2015 में रखते हुए दो लाख रुपये निर्माण के लिए दिए थे। इससे अथारिटी ने जमीन के दो लाख और इमारत के दो लाख 12 हजार चार सौ 90 रुपये स्थानीय पंचायत को दिए थे।

मुआवजे पर घोषित की गई राशि पंचायत को मिलने के बावजूद अब तक न ही धर्मशाला की इमारत मिल रही है और न ही जरूरी जमीन, जबकि नींव पत्थर एक सरकारी इमारत में कैद किया हुआ है। उन्होंने मांग की कि धर्मशाला और जरूरी फंड की निष्पक्ष जांच करवाने की जरूरत है। पंचायत ने उक्त राशि से कोई अन्य इमारत या कोई अन्य निर्माण किया तो भी सरकार को सबूतों से सार्वजनिक करवाने की जरूरत है। मौजूदा सरपंच तेजा सिंह ने कहा कि यह काम पिछली पंचायत ने करवाना था। उनको धर्मशाला बनाने के लिए राशि नहीं मिली। इसके लिए पुरानी पंचायत ही जवाब दे सकती है, जबकि पूर्व सरपंच बलजिदर कौर ने कहा कि उन्होंने कम्युनिटी सेंटर समेत कुछ अन्य काम मुकम्मल करवाए हैं, जो गांव के गणमान्यों के सहयोग से पूरे हुए हैं। इससे अन्य कार्य के लिए मौजूदा पंचायत या पिछली पंचायतों से संबंधित व्यक्ति जिम्मेदार हो सकते हैं। इसकी जबावदेही भी वह ही दे सकते हैं।


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