मांगों के प्रति सरकारी उदासीनता पर जताया रोष
ंजाब एंड यूटी मुलाजिम संघर्ष मोर्चा की अहम बैठक कनवीनर सरदूल सिंह बालसंडा व संयुक्त कनवीनर दलजीत सिंह घनौली की अध्यक्षता में हुई।
संवाद सहयोगी, रूपनगर : पंजाब एंड यूटी मुलाजिम संघर्ष मोर्चा की अहम बैठक कनवीनर सरदूल सिंह बालसंडा व संयुक्त कनवीनर दलजीत सिंह घनौली की अध्यक्षता में हुई। मलागर सिंह खमाणों ने बताया कि राज्य भर के कर्मचारियों के हक की आवाज उठाने वाले संयुक्त मोर्चे द्वारा आशा वर्करों सहित मिड डे मील वर्करों व पार्ट टाइम सफाई सेवकों को लेबर एक्ट के दायरे में लाने की मांग उठाई जा रही है, लेकिन सरकार ने उदासीन रूख अपनाया हुआ है।
उन्होंने कहा कि मोर्चे की स्टेट कमेटी द्वारा लिए फैसले के अनुसार मांगों को लेकर कैबिनेट मंत्रियों सहित कमेटी मेंबरों के शहरों में 29, 30 व 31 अक्टूबर को जोन स्तरीय रैलियां की जाएंगी। 30 को चंडीगढ़ में जोनल रैली में जिला से बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इन रैलियों को कामयाब बनाने के उद्देश्य से मोर्चे के पदाधिकारियों द्वारा रूपनगर के साथ साथ सब कमेटियों नंगल, मोहाली, मोरिडा व आनंदपुर साहिब में भी बैठकें की जा रही हैं। इसके अलावा किसान संगठनों के 25 अक्टूबर के संघर्ष को पूरा समर्थन देने का एलान भी किया गया। मौके पर नरिदर शर्मा सहित सतनाम सिंह, हरदीप सिंह, सुखजीत सिंह, मनदीप सिंह, दलजीत सिंह, हरमीत सिंह, सतनाम सिंह रौणी, बलजीत सिंह, कश्मीर सिंह, जसपाल सिंह, दीपक कुमार, गुरदयाल सिंह, गुरचरण सिंह, सुरजीत सिंह विशेष रूप से हाजिर थे।
यह हैं मांगें
कर्मचारियों को रेगुलर, छठे पंजाब वेतन कमीशन की रिपोर्ट को लागू, बिजली व निगमों के संशोधित ग्रेड लागू, संसद द्वारा पास 20 लाख की ग्रेज्यूटी पर प्रदेश सरकार द्वारा लगाई रोक को हटाना, जनवरी 2018 से रोका महंगाई भत्ता व 150 माह के बकाया को रिलीज करना, दर्जा तीन व चार को 4-9-14 नियमानुसार तरक्की स्केल देना, पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल, मोबाइल भत्ते में पचास फीसद कटौती बंद, कृषि सुधार कानून वापस लेना, विभागों के निजीकरण व पंचायतीकरण के फैसले व आहलुवालिया कमेटी की सिफारिशों को रद करने की मांग रखी।