बिना अनुमति के 100 साल पुराना बरगद पेड़ काटा
रूपनगर में पर्यावरण के शत्रु बनकर लोग उभर रहे हैं। यहां अपनी सुविधा के लिए कोई भी कहीं भी पेड़ काट रहा है। प्रशासन इस मामले में कछुआ चाल कार्रवाई पर टिका है। एक के बाद एक पेड़ कट रहे हैं। अब नया मामला पेड़ काटने का डीएवी पब्लिक स्कूल रूपनगर की मार्ग पर आया है। यहां एक आइस फैक्ट्री के बाहर सड़क पर लगा डेक का पेड़ काट दिया गया है। हालात ये हैं कि यहां प्रशासन का कोई डर नहीं है। पिछले दो माह में ये शहर में तीसरा केस है। जिसमें पेड़ काटने से किसी को कोई डर नहीं है। ग्रीन ट्रिब्यून की हिदायतों का यहां कोई पालन नहीं हो रहा।
जागरण संवाददाता, रूपनगर : रूपनगर में लोग अपनी सुविधा के लिए लगातार पेड़ काट रहे हैं। प्रशासन इस मामले में कछुआ चाल से कार्रवाई कर रही है। अब नया मामला पेड़ काटने का डीएवी पब्लिक स्कूल रूपनगर की मार्ग पर आया है। यहां एक आइस फैक्ट्री के बाहर सड़क पर लगा डेक का पेड़ काट दिया गया है। पिछले दो माह में पेड़ काटने का यह शहर में तीसरा केस है। इसमें पेड़ काटने से किसी को कोई डर नहीं है। ग्रीन ट्रिब्यून की हिदायतों का यहां कोई पालन नहीं हो रहा। शहर में वाट्सएप ग्रुपों में ये पेड़ काटने की फोटो जब अपलोड हुई तो एकदम इसका विरोध शुरू हो गया।
जागरण टीम मौके पर पहुंची तो पेड़ काट दिया गया था। ये पेड़ आइस फैक्टरी के काफी सालों से बंद गेट के आगे सड़क के साथ कच्चे बरम में लगा हुआ था। इसके आसपास नगर कौंसिल प्रबंधन ने डेढ़ साल पहले इंटरलाक टाइलें लगाई थीं। जब आइस फैक्टरी मालिक को पता चला कि मीडिया मौके पर पहुंचा है तो वो मीडिया को कहने लगा कि खबर लगाने को रहने दो। मुझे पता नहीं था कि पेड़ काटने से पहले कोई मंजूरी लेनी होती है। अगर पता होता तो इसकी मंजूरी ली जाती।
100 साल पुराना बरगद कर दिया नेस्तानाबूत
अगस्त माह की शुरुआत में कॉलेज रोड पर मॉडल स्कूल के बाहर कुएं पर उगा करीब 100 से भी ज्यादा साल पुराना बरगद का पेड़ काटना आरंभ किया गया। धीरे धीरे पूरे का पूरा पेड़ काट दिया गया। ये पेड़ दर्जनों टन वजन का था। वो काट दिया गया। प्रशासन तक शिकायतें भी पहुंची, लेकिन नगर कौंसिल तथा वन विभाग एक दूसरे पर इसकी जिम्मेवारी फैंकते रहे। उधर, शिकायत होने पर कटाई बंद कर दी जाती। फिर कुछ दिन बाद कटाई आरंभ हो जाती। धीरे धीरे पूरा पेड़ की काट दिया गया। पेड़ की जड़ें तक निकाल दी गई। लेकिन प्रशासन ने कुछ नहीं किया। पेड़ का कत्ल हो गया। दर्जनों टनों का वो पेड़ था, उसकी लकड़ी कहां गई, ये जांच का विषय है। तब नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान इंद्रसैन छत्तवाल ने जिला प्रशासन से पेड़ को बचने के लिए गुहार लगाई थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
सितंबर में काट दिए 31 पेड़
उधर, सितंबर माह में ज्ञानी जैल ¨सह नगर में प्राइवेट गाइनी क्लीनिक चलाने वाली डॉक्टर ने अपनी कोठी के बाहर खड़े 31 अशोका ट्री के पेड़ छंटाई करवाने की बजाय कटवा ही दिए। जब मीडिया मौके पर पहुंचा तो मौके पर मौजूद बुजुर्ग ने कहा कि ये पेड़ तो बिजली विभाग ने कटवाए हैं क्योंकि ये बिजली की तारों में उलझ रहे थे। तब रूपनगर के एसडीओ अमृतपाल ¨सह ने दौरा करके दावा किया था कि पेड़ उनके कर्मचारियों ने नहीं काटे हैं। इस मामले में नगर कौंसिल की टीम ने भी दौरा किया था। लेकिन आज तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ईओ को लिखूंगा कार्रवाई के लिए: प्रधान माक्कड़
नगर कौंसिल रूपनगर के प्रधान परमजीत सिह माक्कड़ ने शहर में पेड़ों को काटने की रिवायत को गलत रित करार देते हुए कहा कि इस मामले में कार्यसाधक अधिकारी को सख्त एक्शन लेने के लिए वो लिखेंगे। जब उनसे पूछा गया कि पहले काटे गए पेड़ों के मामले में भी कौंसिल का एक्शन दिखाई नहीं दिया तो उन्होंने कहा कि उनका भी वो ईओ से फोलोअप लेंगे।