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जीवन संवारना है तो बुजुर्गो से मार्गदर्शन लें : प्यारा सिंह

सर्व धर्म सत्कार तीर्थ धमाना कलां में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर जारी पांच दिवसीय समागम व अनुष्ठान बुधवार को बाबा जी द्वारा किए गए सत्संग व यज्ञ से समाप्त हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 05:17 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 05:17 PM (IST)
जीवन संवारना है तो बुजुर्गो से मार्गदर्शन लें : प्यारा सिंह
जीवन संवारना है तो बुजुर्गो से मार्गदर्शन लें : प्यारा सिंह

संवाद सहयोगी, रूपनगर : सर्व धर्म सत्कार तीर्थ धमाना कलां में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर जारी पांच दिवसीय समागम व अनुष्ठान बुधवार को बाबा जी द्वारा किए गए सत्संग व यज्ञ से समाप्त हुआ। इस तीर्थ के सेवादार सोहन सिंह व गांव के पूर्व सरपंच सतनाम सिंह के अनुसार वीरवार को साधु-संतों को भोजन करवाया जाएगा व दान दक्षिणा दी जाएगी।

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इस पांच दिवसीय आयोजन के दौरान बड़ी संख्या में पहुंची बाबा प्यारा सिंह की संगत ने जहां भोले बाबा के शिवलिंग में जलाभिषेक करते हुए हर किसी के लिए सुख की कामना की। वहीं, सभी ने बाबा जी द्वारा बनवाए गए श्री दुर्गा मंदिर सहित श्री वरुण देव मंदिर, श्री शनिदेव मंदिर, श्री शेषनाग मंदिर, श्री विष्णु मंदिर, श्री सूर्य देव मंदिर, बाबा बालक नाथ मंदिर, बाबा मस्त मंदिर, भारत माता मंदिर में सजदा करते हुए इतिहासगढ़ साहिब में प्रज्जवलित अखंड ज्योति के दर्शन भी किए। इस दौरान संगत ने बाबा जी की प्रेरणा से जंगलों में जाकर पशुओं व पक्षियों को चारा व अनाज भी डाला।

आज अंतिम दिन का सत्संग करते बाबा प्यारा सिंह जी ने कहा कि उन्हें उस वक्त बड़ी ठेस पहुंचती है जब पता चलता है कि आज की युवा पीढ़ी बुजुर्गो को अपमानित करती है। विशेषकर जब यह पता चलता है कि बच्चों के रहते बुजुर्ग माता-पिता किसी वृद्ध आश्रम में रहने को मजबूर हैं। बाबा जी ने कहा कि मनुष्य का जीवन देने वाले माता-पिता का दर्जा तो इस पूरे जगत का पोषण करने वाले से भी ऊंचा माना जाता है, जबकि बिना बुजुर्गो के किसी भी प्रकार का मार्गदर्शन संभव ही नहीं है। बाबा जी ने कहा कि जो लोग माता-पिता व बुजुर्गो का सत्कार नहीं करते व बुजुर्ग होने की अवस्था में उनका त्याग कर देते हैं। अथवा उन्हें किसी वृद्ध आश्रम में शरण लेने को मजबूर करते हैं। उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले बच्चों को यह समझ लेना चाहिए कि एक दिन उन पर भी ऐसी ही अवस्था आने वाली है। बाबा जी ने कहा कि माता-पिता की सेवा के आगे अन्य सभी पुण्य छोटे हैं। बाबा जी ने आज की युवा पीढ़ी को बुजुर्गों व माता पिता का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया तथा बुजुर्गों से सुखी जीवन का मार्गदर्शन हासिल करने को भी कहा। इस दौरान भजन मंडलियों ने बाबा जी द्वारा रचित भजनों का गायन करते हुए सभी को निहाल किया गया। इस मौके विभिन्न व्यंजनों वाला लंगर भी लगाया गया।


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