मनमर्जी से वसूले जा रहे हैं कोर्ट टिकटों के दाम
आरटीआइ कार्यकर्ता सतनाम ¨सह गिल सत्ती ने दावा किया है कि रूपनगर सचिवालय परिसर में कोर्ट टिकट तथा अष्टाम फरोश तथा वसीका नवीस रेवेवन्यू विभाग की तय फीसों की हिदायतों का जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। लोगों की जमकर लूट हो रही है। लेकिन लोग जाने और अजाने में ये लूट करवाने के लिए मजबूर हैं। क्योंकि अगर लोग इसका विरोध करते हैं तो उन्हें संबंधित काम में देरी होने की ¨चता सताने लगी है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर : आरटीआइ कार्यकर्ता सतनाम ¨सह गिल सत्ती ने दावा किया है कि रूपनगर सचिवालय परिसर में कोर्ट टिकट, अष्टामफरोश तथा वसीका नवीस रेवेन्यू विभाग की तय फीसों की हिदायतों का जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। लोगों की जमकर लूट हो रही है। लेकिन लोग जाने और अनजाने में ये लूट करवाने के लिए मजबूर हैं। क्योंकि अगर लोग इसका विरोध करते हैं, तो उन्हें संबंधित काम में देरी होने की ¨चता सताने लगी है।
एडवोकेट सतनाम ¨सह गिल सत्ती ने बताया कि सूचना के अधिकार कानून के तहत दफ्तर डिप्टी कमिश्नर तथा जिला खजाना दफ्तर से लोकहित में जानकारी ली है। जिसके मुताबिक अष्टाम या कोर्ट फीस की टिकटें खरीदने वाले ग्राहकों से अष्टाम फरोश कोई अतिरिक्त कमीशन नहीं ले सकता। पंजाब सरकार के नोटिफिकेशन मुताबिक बेचदार को इस संबंधी टिकटों पर 2 फीसद छूट पहले ही दे दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस तरह ही रजिस्ट्री या डीड लिखने की जो फीस रेवेन्यू, पुनर्वास तथा डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग के नोटिफिकेशन अनुसार तय की गई है, उसके मुताबिक कॉपी/इंसपेक्शन या सर्च, कार्रवाई शुरू करने के आवेदन, समय में बढ़ोतरी की याचिका या किसी भी अन्य आवेदन जिसकी फीस निर्धारित न हो, के लिए कागज लिखने वाला 25 रुपये फीस ले सकता है। इसी तरह सेक्शन 72 के आवेदन तथा ऐसा दस्तावेज तैयार करने के लिए जिसमें रकम न लिखी हो, के लिए 100 रुपये फीस ली जा सकती है। किसी भी कीमत की संपत्ति या रकम का असली दस्तावेज तैयार करने की 500 रुपये तथा उसकी कॉपी के 50 रुपये फीस के रूप में वसूले जा सकते हैं। किसी भी रजिस्टर्ड दस्तावेज में संशोधन करने के लिए, मुख्तयारनामा खास लिखने के लिए, इकरारनामा लिखने के लिए, वसीयत, गोदनामा, मुख्तयारनामा आम लिखने के लिए 200 रुपये तथा बिना रकम वाला सहमति दस्तावेज या तबादला लिखने के लिए 50 रुपये तक फीस ली जा सकती है।
उन्होंने बताया कि खास तौर पर किसानों तथा किसान संगठनों को अपने इस हक का पता होना चाहिए कि पंजाब सरकार के पत्र अनुसार वसीका नवीसों के लिए जरूरी है कि वह अपने बूथों, खोखों के सामने मोटे अक्षरों में सरकार द्वारा निर्धारित की गई दरों के बारे में बोर्ड लिखवाएं। लेकिन ऐसे बोर्ड प्रशासन द्वारा कभी भी नहीं लगवाए गए। एडवोकेट गिल ने कहा कि प्रशासन तुरंत ये बोर्ड लगवाए। उन्होंने आम लोगों, किसानों तथा किसान संगठनों को कहा कि यदि कोई भी उपरोक्त कानूनों को तोड़कर अतिरिक्त रकम वसूलता है तो इस संबंध में प्रशासन को शिकायत की जाए, ताकि आम लोगों की लूट न हो। 100 रुपये पर पांच रुपये अतिरिक्त वसूलते हैं अष्टाम फरोश
एडवोकट गिल ने बताया कि सचिवालय परिसर में हालात ये हैं कि अष्टाम फरोश 100 रुपये की कोर्ट टिकटें खरीदने पर 105 रुपये ले रहे हैं। यानी पांच रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए 1500 रुपये की टिकटें लगती हैं, लेकिन टिकटें बेचने वाले तय रेट से ज्यादा वसूलते हैं। इसी तरह वसीका नवीस कोई डाक्युमेंट जिसे तैयार करने की फीस 200 रुपये है, उसका 2 हजार रुपये तक फीस मनमर्जी से वसूलते हैं। नहीं हो रहा बोर्ड लगाकर दरें दर्शाने की हिदायतों का पालन
वसीका नवीसों के खोखों के आगे मोटे अक्षरों में सरकार द्वारा निर्धारित की गई दरों के बारे बोर्ड लगाने संबंधी हिदायतें हैं। लेकिन कोई भी वसीका नवीस इन हिदायतों का पालन नहीं कर रहा। इस संबंध में सरकार के रेवन्यू, पुर्नवास तथा डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग द्वारा पत्र नंबर 24/69/2004 एसटी 1/2301, 28 जून 2004 के पत्र का हवाला देते हुए 11 सितंबर, 2018 को भी पत्र जारी किया गया है। जिस पर अमलीजामा नहीं पहनाया गया है।