सड़क सुरक्षा को लेकर दावे तो बहुत, लेकिन गंभीरता नहीं
सड़कों पर हादसों को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के जहां नियम बने हुए हैं वहीं समय समय पर पुलिस व प्रशासन के द्वारा विभिन्न प्रकार की व्यवस्था भी बनाई जाती है ताकि सड़क हादसों की संभावना को क्षीण बनाया जा सके। इसके लिए बाकायदा जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा कमेटी भी बनी हुई है जिसकी हर माह बाकायदा बैठक भी होती है और समय समय पर कमियों में सुधार लाने के दिशा निर्देश भी दिए जाते रहते हैं। लेकिन इतना सब कुछ करने के बाद भी जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उल्ट है क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था के लिए किए जाने वाले प्रबंधों के प्रति आज भी उदासीनता बरती जा रही है।
अरूण कुमार पुरी, रूपनगर
सड़कों पर हादसे रोकने के लिए जहां कई नियम बने हुए हैं, वहीं समय-समय पर पुलिस व प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रकार की व्यवस्था भी बनाई जाती है, ताकि सड़क हादसों की संभावना को क्षीण बनाया जा सके। इसके लिए बाकायदा जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा कमेटी भी बनी हुई है जिसकी हर माह बाकायदा बैठक भी होती है और समय-समय पर कमियों में सुधार लाने के दिशानिर्देश भी दिए जाते रहते हैं। लेकिन इतना सब कुछ करने के बाद भी जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उल्ट है, क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था के लिए किए जाने वाले प्रबंधों के प्रति आज भी उदासीनता बरती जा रही है।
ऐसी व्यवस्था जरूरी है :
शहर की संपर्क सड़कों के साथ साथ व्यस्त चौराहों व मुख्य मार्गों पर पैदल चलने वालों की सुरक्षा के लिए जहां जेब्रा क्रॉ¨सग का होना जरूरी होता है, वहीं यातायात को नियंत्रित करने के लिए सही हालत में ट्रैफिक लाइटों का होना भी जरूरी है। इसके अलावा हर सड़क के दोनों किनारों पर सफेद पट्टी भी बनी होनी चाहिए। न ट्रैफिक लाइटें न जेब्रा क्रॉ¨सग
रूपनगर के अति व्यस्त मार्गों व मुख्य सड़कों सहित संपर्क सड़कों पर न तो पैदल चलने वालों की सुरक्षा के लिए जेब्रा क्रॉ¨सग बनाई गई है और न ही सड़कों के दोनों किनारे सफेद पट्टी देखने को मिलती है। यहीं नहीं अति व्यस्त चौराहों पर आज भी ट्रैफिक लाइटें नहीं हैं और जहां ट्रैफिक लाइटें लगी हैं वो अनदेखी के कारण सोपीस बनी हुई हैं। इसी प्रकार जहां जेब्रा क्रॉ¨सग बनाए गए हैं वो धूमिल हो चुके हैं जिनका होना या न होना एक बराबर है। रूपनगर के पुराने बस स्टेंड एवं सर¨हद नहर के पुराने पुल के आसपास जेब्रा क्रॉ¨सग व ट्रैफिक लाइटों का अभाव है। जबकि बाईपास पर ट्रैफिक लाइटें लगी तो हैं लेकिन मात्र शोपीस व जाबरा क्रा¨सग भी धूमिल हो चुके हैं। साल में दो बार मनाया जाता है यातायात सुरक्षा सप्ताह
लोगों की सुरक्षा व वाहन चालकों को नियमों के बाध्य बनाने के उद्देश्य से हर साल दो बार यातायात सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है, जिस दौरान आम लोगों को जहां यातायात नियमों के बारे व सड़क पर चलने के ढंग बारे जानकारी दी जाती है। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था में पाई जाने वाली कमियों को भी दूर किया जाता है। बावजूद इसके व्यवस्था में कमियों का होना ¨चता का विषय है। जरूरी सुधार करवाए जा रहे हैं: बलबीर ¨सह
सिटी ट्रैफिक इंचार्ज बलबीर ¨सह से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पहले ही टोल कंपनी को विभिन्न स्थलों पर जेब्रा क्रॉ¨सग लगाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। जबकि लोक निर्माण विभाग को ट्रैफिक लाइटें ठीक करवाने के लिए कहा जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद पड़ताल करने के बाद जहां कमी है उसे दूर करवाएंगे।