रयात-बाहरा के छात्रों ने निकाली पराली न जलाने के संबंध में जागरुकता रैली
यात-बाहरा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फार्मास्यूटीकल साईंसिस द्वारा धान की पराली को जलाने के कारण फैल रहे हवा प्रदूषण को रोकने के संबंध में एक जागरुकता रैली निकाली गई। यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फार्मास्यूटीकल साईंसिस के एनएसएस ¨वग के बैनर के नीचे यह रैली यूनिवर्सिटी कैंपस से शुरू हुई तथा गांव सहौड़ां से होते हुए कैंपस में संपन्न हुई। इस रैली को रजिस्ट्रार डॉ.ओपी मिड्डा के नेतृत्व में निकाला गया जबकि कार्यकारी डीन डॉ.शोएब अहमद तथा एचओडी ऑफ फार्मास्यूटीकल साईंसिस डॉ.गुरुफतेह ¨सह आदि भी मौजूद थे।
जागरण संवाददाता, रूपनगर
रयात-बाहरा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फार्मास्यूटीकल साईंसिस की ओर से धान की पराली को जलाने के कारण फैल रहे हवा प्रदूषण को रोकने के संबंध में जागरूकता रैली निकाली गई। यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फार्मास्यूटीकल साईंसिस के एनएसएस ¨वग के बैनर के नीचे यह रैली यूनिवर्सिटी कैंपस से शुरू हुई। गांव सहौड़ां से होते हुए कैंपस में संपन्न हुई। रैली को रजिस्ट्रार डॉ.ओपी मिड्डा के नेतृत्व में निकाला गया जबकि कार्यकारी डीन डॉ.शोएब अहमद और एचओडी ऑफ फार्मास्यूटीकल साईंसिस डॉ.गुरुफतेह ¨सह आदि भी मौजूद थे।
वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए 120 छात्रों ने रैली में हिस्सा लिया। छात्रों द्वारा तैयार किए बैनरों को रैली में भी प्रदर्शित किया गया तथा छात्रों ने गांव सहौड़ां के वासियों के साथ विचार विमर्श किया और उन्हें धान की पराली को जलाने के कारण होने वाले स्वास्थ्य संबंधित खतरों की भी जानकारी दी। उन्होंने गांववासियों को बताया कि धान की पराली को जलाने से बहुत खतरनाक हवा प्रदूषण पैदा होता है जिसके कारण अधिकतर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां पैदा होती हैं। छात्रों ने गांवों के लोगों को यह भी समझाया कि पंजाब सरकार ने धान की पराली के निर्विघ्न प्रबंधों के लिए सब्सिडी वाले कृषि उपकरण और खेती मशीनरी मुहैया करवाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विभाग ने अब तक 2149 रोटावेटर्स, 2174 हैपी सीडर्स, 192 धान के चोपर कांबो, 1047 धान की पराली मूलर, 1052 एमबी पलफ्फ तथा 1148 जीरो टिल ड्रिल मशीनों को वितरित किया है।