Rupnagar: पुलिस बल और बीबीएमबी के कर्मचारी मैकेनिक मार्केट को गिराने पहुंचे, माहौल बना तनावपूर्ण
Rupnagar भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड और मैकेनिक मार्केट कीरतपुर साहिब का मनमुटाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को फिर बोर्ड के एक्सईएन के नेतृत्व में भारी संख्या में पदाधिकारी मैकेनिक मार्केट कीरतपुर साहिब को गिराने के लिए पहुंच गए जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया।
कीरतपुर साहिब, जागरण टीम: भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड और मैकेनिक मार्केट कीरतपुर साहिब का मनमुटाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को फिर पहले की तरह भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के एक्सईएन के नेतृत्व में भारी संख्या में पदाधिकारी मैकेनिक मार्केट कीरतपुर साहिब को गिराने के लिए पहुंच गए। जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया।
शुक्रवार दोपहर थाना कीरतपुर साहिब की पुलिस फोर्स लेकर भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के एक्सईएन गुरिंदर सिंह की दुकान खाली करवाने के लिए पहुंचे तो मैकेनिक मार्केट के दुकानदार एकत्रित हो गए और भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे बीबीएमबी के पदाधिकारियों को दुकानें न गिराने का आग्रह किया गया।
दोनों पक्षों में थाना कीरतपुर साहिब में बैठक करते हुए 16 दिसंबर तक का समय लिया गया है जिसमें एक्सईएन राकेश वशिष्ट ने कहा कि उनके पास कानूनी तौर पर दुकानें खाली करवाने के दस्तावेज मौजूद है। वह पुलिस फोर्स के साथ भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की जमीन पर बनी हुई दुकानों को खाली कराने के लिए पहुंचे है।
वहीं दूसरे पक्ष में दुकानदारों ने अपना दुख सुनाते हुए कहा कि लगभग चार दशकों से वह इस स्थान पर दुकानें बनाकर बैठे हुए है। उनके परिवार का पालन-पोषण इन दुकानों पर से ही निर्भर है यदि उनकी दुकानें खाली करवा ली जाएंगी तो वह सड़क पर आ जाएंगे इसलिए उनकी दुकानें ना खाली करवाए जाए।
धार्मिक नगरी कीरतपुर साहिब की मैकेनिक मार्केट से सैकड़ों परिवार जुड़े हुए हैं। वहीं दूर पार से इस नगरी के दर्शन करने आते यात्रियों के लिए ये दुकानदार किसी सेवादार से कम नहीं है। मोटर मैकेनिक से जुड़ी हुई दुकानों में ज्यादातर मैकेनिक काम करते हैं जो दूर पार खराब हुई गाड़ियों को भी ठीक करते हैं।
इस मार्केट में काम करने वाले लोगों के भरोसे उनके परिवार जुड़े हुए हैं। जैसे ही उनको दुकानें गिराने का नोटिस बीबीएमबी की तरफ से आया उनका सुखचैन खो गया।
दुकानदारों में मनिंदर सिंह चड्ढा, गुरिंदर सिंह भूरी,तरलोचन सिंह, विक्की बेदी, राजन कोड़ा, रजनीश जोशी, विजय बजाज, अनुज बजाज, गुरप्रीत सिंह इत्यादि ने बताया कि उनके सर पर लटक रही इस तलवार का कोई स्थायी हल होना चाहिए।