Move to Jagran APP

झोपड़ी में आग, तीन बच्चे जिदा जले

रूपनगर मार्ग पर नई आबादी मोहल्ला में मजदूर की झोपड़ी में दोपहर को अचानक आग लगने के कारण सो रहे छह वर्ष से भी कम उम्र के तीन बच्चे जिदा झुलस गए। जिनमें से एक 6 वर्षीय लड़के की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अन्य दो बच्चों में से एक की पीजीआइ ले जाते समय और दूसरे की पीजीआइ में ही मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 12:05 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 12:05 AM (IST)
झोपड़ी में आग, तीन बच्चे जिदा जले
झोपड़ी में आग, तीन बच्चे जिदा जले

संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी : रूपनगर मार्ग पर नई आबादी मोहल्ला में मजदूर की झोपड़ी में दोपहर को अचानक आग लगने के कारण सो रहे छह वर्ष से भी कम उम्र के तीन बच्चे जिदा झुलस गए। जिनमें से एक 6 वर्षीय लड़के की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दो बच्चों में से एक की पीजीआइ ले जाते समय और दूसरे की पीजीआइ में ही मौत हो गई। माता-पिता घर में न होने के कारण बच्चे अकेले सो रहे थे। दरअसल, उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद का व्यक्ति राजकुमार जोकि राज मिस्त्री का काम करता है, काम पर गया था। उसकी पत्नी जूली तीन बच्चों को झोपड़ी में सोता हुआ छोड़कर लकड़ियां लाने गई थी। इस दौरान दोपहर करीब ढाई बजे अचानक झोपड़ी में आग लग गई। मौके पर मोहल्ला वासियों ने मोटर चला कर पानी से आग पर काबू पाया। लेकिन करीब 15 मिनट के घटनाक्रम के दौरान ही पांच वर्षीय मासूम शिवम आग की भेंट चढ़ गया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ गया। बचाव कार्य में जुटे मोहल्ला वासियों ने घायल हुई चार वर्षीय रोशनी व दो वर्षीय सिराज को तुरंत सरकारी अस्पताल सिंहपुर पहुंचाया, जहां बच्चों की गंभीर हालत को देखते प्राथमिक उपचार के बाद पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया। जिनमें सिराज ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, जबकि रोशनी की पीजीआइ में पहुंचकर मौत हो गई।

loksabha election banner

दोनों बच्चे 100 फीसद जल चुके थे

सिंहपुर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉ. अमनदीप सिंह ने बताया कि गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचे दोनों मासूम बच्चे 100 फीसद जल चुके थे और उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। लेकिन कुछ समय के बाद सिराज ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

दरवाजा न लगा होता तो बच सकते थे बच्चे

एक अन्य झोपड़ी में रहते पीड़ित परिवार के रिश्तेदार सीना ने बताया कि लकड़ियां लेने गई जूली (बच्चों की मां) सो रहे बच्चों की हिफाजत के लिए जाते समय झुग्गी का अस्थायी दरवाजा लगाकर गई थी। बिलखते हुए कहा, काश दरवाजा न लगा होता तो शायद बच्चे बच सकते थे।

नायब तहसीलदार और थाना प्रमुख ने किया दौरा

मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार हरिदरजीत सिंह और थाना प्रमुख राजीव चौधरी ने हादसे के कारण को जानने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को उचित आर्थिक सहायता दिलाने के लिए जिला प्रशासन को रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी।

शार्ट सर्किट की आशंका

थाना प्रमुख नूरपुरबेदी राजीव चौधरी ने बताया कि धारा 174 के अंतर्गत कार्रवाई अमल में लाई गई है व शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा। हादसे के कारण के संबंध में कहा कि यह घटना पहली नजर में शार्ट सर्किट लगी रही है। लेकिन फिर भी इसकी गहराई के साथ जांच की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.