Move to Jagran APP

डेयरियों को ऑनलाइन करने का विरोध, धरना 24 को

जिला रूपनगर और मोहाली में दूध उत्पादक सोसायटियों या डेयरियों का सारा कार्य ऑनलाइन किए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। इसके विरोध में वेरका मिल्क प्लांट मोहाली में 24 जनवरी को धरना दिया जा रहा है। इस धरने में शामिल होने के लिए व क्षेत्रवासियों को लामबंद करने के लिए नूरपुरबेदी ब्लॉक के गांवों में दून नौजवान सभा द्वारा बैठक करने का सिलसिला जारी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 06:45 PM (IST)
डेयरियों को ऑनलाइन करने का विरोध, धरना 24 को
डेयरियों को ऑनलाइन करने का विरोध, धरना 24 को

संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी : जिला रूपनगर और मोहाली में दूध उत्पादक सोसायटियों या डेयरियों का सारा कार्य ऑनलाइन किए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। इसके विरोध में वेरका मिल्क प्लांट मोहाली में 24 जनवरी को धरना दिया जा रहा है। इस धरने में शामिल होने के लिए व क्षेत्रवासियों को लामबंद करने के लिए नूरपुरबेदी ब्लॉक के गांवों में दून नौजवान सभा की ओर से बैठक करने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को भी नूरपुरबेदी ब्लॉक के गांव जेतेवाल में दून नौजवान सभा की ओर से विशेष बैठक की गई। सभा के नेता विक्की जगमनदीप ¨सह ने बताया कि इन दोनों जिलों में दूध उत्पादक सोसायटियों को ऑनलाइन किए जाने के कारण लोगो में गुस्से एवं रोष की लहर है। वेरका एक को-ऑपरेटिव सोसायटी है। जिसके संबंध में कोई भी निर्णय लेने के लिए लोगों की राय लेना भी जरूरी है। दूध उत्पादन करने वाले लोगों द्वारा वेरका मिल्क प्लांट मोहाली के अधिकारियों को कई बार मांगपत्र देने के बावजूद भी इस फरमान को जारी किया गया है। इसके विरोध में 24 जनवरी के मोहाली में धरना दिया जा रहा है व इस धरने के लिए लोगों को एकजुट करने के लिए सभा की ओर से विशेष बैठकें की जा रही हैं। इस संबंध में नूरपुरबेदी ब्लॉक के गांवों ब्राह्मण माजरा, कलमां, लैहड़ियां, बैंस, बस्सी, बड़वा, मीरपुर, धमाणा आदि में भी बैठक की गई है।

loksabha election banner

निश्चित मापदंड कम होने पर नहीं उठाया जाएगा दूध

वक्ताओं ने बताया कि वेरका मिल्क प्लांट मोहाली द्वारा फैंट व एसएनएफ का मापदंड सीमित होने कारण दूध उत्पादकों का भारी आर्थिक नुकसान झेलना होगा। गाय के दूध के लिए फैट का मापदंड 3.3 से 4.5 और एसएनएफ 8 से 7 जबकि भैंस के दूध फैट 4.5 से 10 और एसएनएफ 8.6 से 9.5 निश्चित किया गया है। लेकिन इससे एक अंक कम या अधिक होने पर वेरका द्वारा दूध नहीं उठाया जाएगा। एसएनएफ व दूध की फैट कुदरती है जोकि पशुओं की किस्म के कारण कम या अधिक हो सकती है। इसके अलावा मौसम की भी विशेष भूमिका होती है। गर्मी के मौसम में फैट कम और सर्दी के मौसम में अधिक होती है। इसी प्रकार पशु पालकों को काफी नुक्सान होगा। पिछले समय के दौरान मिल्क प्लांट द्वारा दुध की खरीदने को लेकर प्रति किलो कीमत में भी कटौती की गई थी। जबकि प्लांट द्वारा दूध को अधिक मूल्य पर बेचा जा रहा था। इस मौके पर विक्की धमाणा, रवि ¨नदी, सेठी धमाणा आदि उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.