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एक साल में ओवरलोड वाहनों ने ली 28 की जानें

ट्रैफिक पुलिस की लचर व्यवस्था व लापरवाही के चलते वाहन चालक यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वाहनों की तेज रफ्तार व ओवरलो¨डग हर दिन सड़क हादसों का कारण बन रही है। जिले के अंदर अवैध माइ¨नग के साथ-साथ ओवरलोड माल की ढुलाई पर रोक लगी हुई है, लेकिन इसकी परवाह किए बगैर हाईवे व राजमार्ग पर रेत, बजरी व पत्थर की ढुलाई टिप्परों व ट्रालों में सरेआम हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 10:58 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 10:58 PM (IST)
एक साल में ओवरलोड वाहनों ने ली 28 की जानें
एक साल में ओवरलोड वाहनों ने ली 28 की जानें

अरूण कुमार पुरी, रूपनगर : ट्रैफिक पुलिस की लचर व्यवस्था व लापरवाही के चलते वाहन चालक यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वाहनों की तेज रफ्तार व ओवरलो¨डग हर दिन सड़क हादसों का कारण बन रही है। जिले के अंदर अवैध माइ¨नग के साथ-साथ ओवरलोड माल की ढुलाई पर रोक लगी हुई है, लेकिन इसकी परवाह किए बगैर हाईवे व राजमार्ग पर रेत, बजरी व पत्थर की ढुलाई टिप्परों व ट्रालों में सरेआम हो रही है। मौत के इन सौदागरों को नकेल डालने वाले मूक दर्शक बने हुए हैं। हालांकि लोग समय-समय पर अवैध रूप से तेज रफ्तार चलने वाले इन ओवरलोड टिप्परों के खिलाफ रोष प्रदर्शन भी करते रहते हैं, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं दिख रहा है।

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एक साल में 28 लोगों ने गवाई जान

रविवार को जब हाईवे पर तेज रफ्तार के चलते एक ओवरलोड टिप्पर ने गुरुद्वारा भट्ठा साहिब के चौक में एक कार को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद टिप्पर अनियंत्रित होने के साथ कार के ऊपर ही पलट गया। इसके चलते कार में सवार एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। अगर टिप्पर व कार चालक यातायात नियमों का पालन करते तो इस हादसे को रोका जा सकता था। हैरानी तो इस बात की है कि रूपनगर से गुजरते इस हाईवे पर तीन जगह ट्रैफिक पुलिस तैनात रहती है, जबकि खुद सिटी ट्रैफिक इंचार्ज अपनी सरकारी गाड़ी में पेट्रो¨लग भी करते रहते हैं। इसका भी कोई असर नहीं दिख रहा है।

पिछले माह भी इसी स्थल पर बजरी से भरे एक ओवरलोड टिप्पर ने इनोवा गाड़ी को अपनी चपेट ले लिया था, जिसमें तीन लोग घायल हुए। दस दिन पहले इसी रोड पर सिलेंडरों से भरा एक तेज रफ्तार ट्राला भी पलट गया था, जिसमें दो व्यक्ति घायल हुए थे। वैसे पिछले तीन साल के दौरान ओवरलोड व तेज रफ्तार वाहनों के कारण हुए हादसों की अगर बात करें तो जिले अंदर 28 व्यक्ति अपनी जान गंवा चुके हैं। ट्रैफिक पुलिस ने और न ही तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों ने कोई सबक लिया।

ट्रैफिक पुलिस की जवाबदेही फिक्स होनी चाहिए

गांव ख्वासपुरा, लेदीमाजरा, मल्कपुर, काईनौर, मो¨रडा रोड, सालापुर, एलग्रां, नानगरां, लोहंड तथा सरसा नंगल के लोगों सड़कों पर दौड़ती मौत के खिलाफ रोष प्रदर्शन भी किए लेकिन दो-चार दिनों की सख्ती के बाद स्थिति जस की तस ही पाई गई। इस बारे जस¨वदर ¨सह सहित निवर्तमान सरपंच सतनाम ¨सह धमाना, लख¨वदर ¨सह, जसबीर ¨सह, अनिल कुमार, तरसेम लाल, हरमीत ¨सह, शकुंतला देवी, कौशल्या देवी आदि ने कहा कि अगर ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों सहित ओवरलोड चलने वाले टिप्परों पर नकेल नहीं कस सकती तो ऐसी ट्रैफिक पुलिस को हटा देना चाहिए या फिर कोई हादसा होने पर इनकी जवाबदेही तह की जानी चाहिए।

चार माह में चार सौ चालान

सिटी ट्रेफिक इंचार्ज बलबीर ¨सह ने कहा कि उनकी टीम ने ओवरलोड व अवैध मटीरियल की ढुलाई करने वाले टिप्परों पर शिकंजा कसा हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले चार माह के दौरान चार सौ से अधिक चालान किए जा चुके हैं, जबकि 80 टिप्पर थाने में बंद किए गए हैं। उन्होंने यह भी माना कि कई बार सिफारिश उनके काम में बाधा बन जाती है, लेकिन फिर भी उनकी कोशिश नियम तोड़ने वाले को सबक सिखाने की रहती है।


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