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पहला पड़ाव संपन्न, तीन दिन में पांच लाख उमड़ी संगत

विश्व प्रसिद्ध त्योहार होला-महल्ला के पहले पड़ाव के संपूर्णता के भोग गुरुद्वारा श्री पतालपुरी साहिब में शिरोमणि कमेटी द्वारा तख्त श्री केसगढ़ साहिब की छत्रछाया में डाले गए। 16 मार्च से आरंभ हुए पाठ के भोग डालने के बाद अरदास की गई। इस दौरान सिंह साहिब ज्ञानी रघुवीर सिंह ने कहा कि खालसा पंथ की शान होला-महल्ला का त्योहार सिख धर्म में बहुत अहम है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 12:03 AM (IST)
पहला पड़ाव संपन्न, तीन दिन में पांच लाख उमड़ी संगत
पहला पड़ाव संपन्न, तीन दिन में पांच लाख उमड़ी संगत

संवाद सूत्र, कीरतपुर साहिब : विश्व प्रसिद्ध त्योहार होला-महल्ला के पहले पड़ाव के संपूर्णता के भोग गुरुद्वारा श्री पतालपुरी साहिब में शिरोमणि कमेटी द्वारा तख्त श्री केसगढ़ साहिब की छत्रछाया में डाले गए। 16 मार्च से आरंभ हुए पाठ के भोग डालने के बाद अरदास की गई। इस दौरान सिंह साहिब ज्ञानी रघुवीर सिंह ने कहा कि खालसा पंथ की शान होला-महल्ला का त्योहार सिख धर्म में बहुत अहम है। इस पर्व गुरु चरणों के साथ जुड़कर मनाना चाहिए। घरों से अरदास कर निकलना चाहिए व सिमरन करते हुए हिस्सा लेना चाहिए। त्योहार को मनाने के लिए यहां सिख धर्म के लोगों के अलावा विदेशों से भी लोग पहुंचते है। ऐसे में बच्चे अगर दोपिहया वाहनों पर तीन सवारी या किसी भी प्रकार से मेले में हुल्लड़बाजी करते हैं तो लोगों में सहम का माहौल पैदा हो जाता है। जिससे धर्म का अस्तित्व खराब होता है, इसलिए इस त्योहार को श्रद्धापूर्वक मनाना चाहिए। मौके पर उनके साथ एसजीपीसी सदस्य अमरजीत सिंह चावला, हेड ग्रंथी फूला सिंह, मैनेजर तख्त श्री केसगढ़ साहिब जसवीर सिंह, मैनेजर गुरुद्वारा पतालपुरी साहिब जसविदर सिंह, सरबन सिंह, हरजीत सिंह, चीफ गुलजार सिंह, सतनाम सिंह, मेला प्रबंधक सुखदेव सिंह आदि उपस्थित थे।

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धार्मिक स्थानों पर भीड़, लंगरों का खास प्रबंध

मेले के तीसरे दिन पावन त्योहार के पहले पड़ाव की समाप्ति हो गई है। अब तक लगभग पांच लाख लोग नतमस्तक हो चुके हैं। कीरतपुर साहिब में पहले पड़ाव की समाप्ति के बाद संगत आनंदपुर साहिब की तरफ जानी शुरू हो गई। मेले में आने वाली संगत के लिए एसजीपीसी के अलावा कई स्थानों से आए सेवादारों ने विभिन्न पकवानों के लंगर लगाए हुए हैं। गुरुद्वारा श्री पतालपुरी साहिब में गुरुद्वारा श्री अगाड़ा पिछाड़ा साहिब पातशाही पांचवी, गुरुद्वारा गुरूसर सतलाणी साहिब पातशाही छठी, सतलाणी संप्रदा से संत बाबा गुरपिदर सिंह के नेतृत्व में बाबा इंद्रवीर सिंह, निरवैर सिंह, शमशेर सिंह शेरा, बाबा लखा सिंह, बाबा काबल सिंह, बाबा हीरा सिंह व अटारी से आई संगत ने बताया कि इस वर्ष भी 15 से 22 मार्च तक विभिन्न व्यंजनों के लंगर लगे हुए हैं। इसी प्रकार उत्तरी भारत की प्रसिद्ध दरगाह पीर साईं बुड्ढण शाह जी पर मेले के दौरान लाखों की संख्या में संगत ने माथा टेका।

गूंज रहे बोले सो निहाल के जयकारे

कीरतपुर साहिब व आनंदपुर साहिब की धरती पर छह दिवसीय होला-महल्ला के दौरान धार्मिक नगरी रूहानीयत से भर गई। इस दौरान कीरतपुर साहिब के धार्मिक स्थलों के साथ साथ शहर की गली गली बोले सो निहाल के जयकारों से गूंजी। कीरतपुर साहिब के सभी गुरुघरों में दीपमाला की गई व जगह जगह धार्मिक दीवान सजाए गए।

नगर कीर्तन से पर्व का होगा आगाज

संस, श्री आनंदपुर साहिब : खालसाई जाहो जहाल का प्रतीक राष्ट्रीय त्योहार होला-महल्ला को मनाने के लिए डेरा बाबा दलीप सिंह चक्क होलगढ़ साहिब में तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं। डेरा बाबा दलीप सिंह चक्क होलगढ़ के मुख्य प्रबंधक बाबा प्रीतम सिंह डुमेली वालों ने बताया कि कि पर्व के पहले दिन 19 मार्च को श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की छत्रछाया में नगर कीर्तन सुबह 9.30 बजे डेरे से चलेगा जो मेन सड़क, वेरका चौक, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, 5 प्यारा रोड, विरासत-ए-खालसा, किला आनंदगढ़ साहिब, नई आबादी होता हुआ तख्त श्री केसगढ़ साहब में पहुंचेगा। जिसमें तख्त साहिब के जत्थेदार, तख्त साहिब के हेड ग्रंथी, पंचायती अखाड़ा निर्मल भेख कनखल हरिद्वार के प्रधान पंडित ज्ञान देव के अलावा संत महापुरुष भाग लेंगे। मौके पर अरुणजीत सिंह, राजवीर सिंह, विक्रम सिंह, भुपिदर सिंह, कमलदीप सिंह, जसपाल सिंह मौजूद थे। बता दें कि नगर कीर्तन के साथ होला-महल्ला में संगत का आवागमन आरंभ होता है।


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