मौलाना अजहर हसन ने बताई रमजान की अहमियत
जागरण संवाददाता, रूपनगर रमजान का पवित्र महीना शनिवार से शुरू हो रहा है। रूपनगर शहर म
जागरण संवाददाता, रूपनगर
रमजान का पवित्र महीना शनिवार से शुरू हो रहा है। रूपनगर शहर में भी मुस्लिम भाईचारे के लोग इस महीने को बहुत ही आस्था से मनाते हैं। रमजान के महीने में मुस्लिम भाईचारे के लोग रोजा (व्रत) रखते हैं। सूर्य उदय होने से डेढ़ घंटा पहले खाना-पीना बंद कर दिया जाता है यहां तक कि पानी भी नहीं पिया जाता। रोजा रखने वाले बुरे कामों और गुनाहों से दूर रहते हुए खुदा की इबादत कर उसकी रहमत तथा जन्नत के भागीदार बनते हैं। रोजा 16 घंटे 35 मिनट लंबा है तथा सख्त गर्मी का मौसम है लेकिन जो खुदा पर भरोसा व प्रेम करते हैं वे रोजा रख खुदा के महबूब बन जाते हैं।
शेखां मस्जिद पुल बाजार रूपनगर में जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई तथा इस मौके रमजान की पूर्व संध्या पर इमाम मौलाना अजहर हसन ने नमाजियों से तकरीर करते हुए कहा कि रमजान खुदा का मेहमान है जो अपने साथ रोजा तरावीह शबे-कदर, एतिकाफ, खुदा के कीमती तोहफे व इनाम तथा विधवाओं व गरीबों के तोहफे लेकर आता है और जाते समय इमान वालों के गुनाहों की माफी का परवाना देकर जाता है। पूरे शरीर व अपनी इच्छाओं को खुदा के हुक्म के सामने त्याग करने का नाम रोजा है। इस प्रकार सारे शरीर व मन में से पाप व बुराई रोकने से स्वच्छ समाज का निर्माण होता है। इसलिए रमजान में ही नहीं ब्लकि जीवन भर बुरे कामों से खुद को बचाए रखना खुदा से प्रेम को सिद्ध करता है। इमान वाले रोजा रखकर यह सिद्ध करते हैं कि वे भूखा-प्यासा रहकर मौत को तो गले लगा सकते हैं लेकिन खुदा के फरमान को तोड़ नहीं सकते। इसलिए सभी को रमजान में रोजा रख खुदा की इबादत व बंदगी करते रहना चाहिए।