मेस चार्ज के विरोध मे सचिवालय पहुंचे एससी स्टूडेंट्स
रूपनगर : आइईटी भद्दल तथा कॉलेज में पढ़ने वाले एसी वर्ग के विद्यार्थियों के बी
जागरण संवाददाता, रूपनगर : आइईटी भद्दल तथा कॉलेज में पढ़ने वाले एसी वर्ग के विद्यार्थियों के बीच विवाद चल रहा है। विद्यार्थियों का आरोप है कि उनसे जबरन मेस चार्ज की मांग की जा रही है, जबकि उनके मेस चार्ज दाखिले के वक्त मैनेजमेंट ने माफ किए थे। विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें दाखिला देने वाले अधिकारियों ने तब उन्हें ये कहकर दाखिला दिया था कि उनसे मेस चार्ज नहीं वसूले जाएंगे। लेकिन अब जब एग्जाम आ गए हैं तो उनसे मेस चार्ज मांगा जा रहा है, वो भी 31 हजार रुपये। कभी उन्हें 21 हजार रुपये जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है। उन्हें खुली धमकियां दी जा रही हैं कि जो मेस चार्ज नहीं देंगे उनको एग्जाम एडमिट कार्ड नहीं दिए जाएंगे। उधर, आइईटी भद्दल कैंपस के मेन गेट पर खड़े विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि उन्हें जबरन गेट के अंदर रखा जा रहा है। सिक्योरिटी गार्ड मैनेजमेंट के कहे मुताबिक उन्हें बाहर नहीं जाने दे रहे। और तो और उन्हें छुट्टी तक नहीं दी जा रही।
प्रशासन आया हरकत में, एसडीएम ने चार्ज नहीं वसूलने का दिया आश्वासन
आइईटी भद्दल के विद्यार्थियों करमजीत कौर निवासी लुधियना (बीबीए), ज्योति लुधियाना (बीबीए), मनप्रीत कौर होशियारपुर (बी टेक), गुर¨वदर ¨सह माछीवाड़ा (होटल मैनेजमेंट), करण कटारिया लुधियाना (बी टेक), मनप्रीत कौर लुधियाना (बी काम), आशा रानी नंगल (बीसीए), म¨नदरप्रीत ¨सह अमृतसर (बी काम) ने बताया कि उन्हें मैनेजमेंट द्वारा मेस चार्ज मांगे जा रहे हैं। जबसे वे कॉलेज में दाखिल हुए हैं तबसे मेस चार्ज नहीं लिए जाते थे। मैनेजमेंट इस वादे पर ही वो इस कॉलेज में दाखिल हुए थे। उन्हें एससी होने के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रूपनगर डीसी दफ्तर में गए थे जहां सहायक कमिश्नर परमजीत ¨सह को मिले तथा अपनी व्यस्था बताई। दोपहर बाद उनके कालेज में एसडीएम रूपनगर हरजोत कौर ने दौरा किय तथा इस संबंध में मैनेजमेटं से बात की। एसडीएम हरजोत कौर ने उन्हें विश्वास दिलाया कि मैनेजमेंट द्वारा उनसे कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
फंडों का अभाव है: डीन दीपक सूद
कॉलेज के स्टूडेंट्स वेलफेयर डीन दीपक सूद ने कहा कि कालेज प्रबंधन के पास फंडों का अभाव है। इस वजह से होस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों से मैस चार्ज देने के लिए कहा गया है। किसी के साथ दुर्व्यहार नहीं किया गया। न ही किसी को एग्जाम देने से रोकने की धमकी दी गई है, जो बच्चों की दाखिला फीस है वह सरकार द्वारा दी जाती है।