नई सोसायटी गठित कर मांगा रोजगार
घनौली तथा आसपास क्षेत्र के विभिन्न गांवों के अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के प्रदूषण से प्रभावित गांववासियों द्वारा एक नई ट्रांसपोर्ट सोसायटी गठित की गई है। इस नई गठित की गई सोसायटी द्वारा फैक्ट्री की मैनेजमेंट से रोजगार मुहैया करवाए जाने की मांग की जा रही है। इस संबंध में आज सीमेंट फैक्ट्री के निकट बैठक की गई। इस बैठक में बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी शामिल हुए।
संवाद सूत्र, घनौली : घनौली व आसपास क्षेत्र के गांवों के लोगों ने रुरल एरिया मोटर ट्रांसपोर्ट सोसायटी गठित की है। सोसायटी अंबूजा सिमेंट फैक्ट्री की मैनेजमेंट से रोजगार मुहैया करवाए जाने की मांग की जा रही है। इस संबंध में सीमेंट फैक्ट्री के निकट बैठक की गई। इसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी शामिल हुए। बैठक के दौरान कंवलजीत ¨सह थली कलां, परमजीत ¨सह बहादुरपुर, भू¨पदर ¨सह लांबा, मास्टर मनमोहन ¨सह थली खुर्द, पूर्व पंच मंगत ¨सह घनौली, अमरीक ¨सह दुग्गरी, सोहन ¨सह बहादुरपुर, रा¨जदर ¨सह अलीपुर, चरनजीत ¨सह अलीपुर, जगतार ¨सह कोटबाला, हरदीप ¨सह रत्नपुरा, शैली लोहगढ़ फिड्डे, सतवीर ¨सह दबुर्जी, संपूर्ण ¨सह दबुर्जी, कुल¨वदर ¨सह दबुर्जी, निर्मल ¨सह कोटबाला, मनजीत ¨सह सैनीमाजरा, हरमीक ¨सह घनौली, हर¨जदर ¨सह गिल, रू¨पदर थली, स्वर्ण ¨सह, बॉबी बहादुरपुर आदि ने कहा कि इस क्षेत्र में फैक्ट्री स्थापित किए जाते समय फैक्ट्री के प्रबंधकों ने क्षेत्रवासियों को रोजगार देने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने भरोसा दिलाया था कि वे इस क्षेत्र के वासियों को लिए एक नई ट्रांसपोर्ट सोसायटी गठित करेंगे तथा फैक्ट्री के प्रदूषण से प्रभावित होने वाले गांवों के वासियों को रोजगार मुहैया करवाया जाएगा। अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री की मैनेजमेंट द्वारा एडीजीएन नामक ट्रांसपोर्ट सोसायटी बनाकर उसमें क्षेत्र के कुछ लोगों को ही सदस्य बनाया गया था। इन सदस्यों की संख्या के जितने ही फैक्ट्री कर्मचारियों के पारिवारिक सदस्यों को शामिल कर लिया गया ताकि सोसायटी पर फैक्ट्री का ही कंट्रोल रहे। इससे धीरे-धीरे ट्रांसपोर्ट सोसायटी को खत्म किया जा सके। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि फैक्ट्री के प्रबंधकों द्वारा सोची समझी साजिश के तहत एडीजीएन सोसायटी के मूलभूत संविधान के अनुसार क्षेत्र के लोगों को सोसायटी का सदस्य बनाए जाने की बजाये धीरे-धीरे सोसायटी को तोड़ने के प्रयास शुरू कर दिए। जिसके चलते सोसायटी अब मात्र 15 वाहन ही रह गए हैं, जबकि क्षेत्र के बड़ी संख्या में ट्रक व ट्राला चालक रोजगार के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा डीजल के दाम बढ़ाए जा रहे हैं लेकिन अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री ट्रकों के किराए कम कर रही है। इसी प्रकार फैक्ट्री द्वारा क्षेत्र के लोगों को रोजगार देने में भी प्राथमिकता नहीं दी जा रही।
उन्होंने जानकारी देते बताया कि अब क्षेत्रवासियों ने एकत्र होकर रुरल एरिया मोटर ट्रांसपोर्ट सोसायटी का गठन किया है। इस सोसायटी में फैक्ट्री के प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र के गांवों के ट्रकों व ट्राला मालिकों को सदस्य बनाया जा रहा है। उन्होंने अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री से मांग की है कि क्षेत्र के लोगों की नई सोसायटी को उचित कीमत पर काम मुहैया करवाया जाए।
मैं कुछ कहना नहीं चाहता: जैन
अंबुजा सीमेंट के हैड राजीव जैन ने इस मामले अपनी टिप्पणी देने से इंकार करते हुएकहा कि वो इस मामले में कुछ भी कहना मुनासिब नहीं समझते।