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पांच दिन में सुलझाएं मसला, नहीं तो रॉयल्टी देना बंद

जिला रूपनगर के क्रशर मालिकों और नए रॉयलटी ठेकेदारों में हुई बैठक बिना किसी परिणाम के खत्म हुई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 10:40 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 06:25 AM (IST)
पांच दिन में सुलझाएं मसला, नहीं तो रॉयल्टी देना बंद
पांच दिन में सुलझाएं मसला, नहीं तो रॉयल्टी देना बंद

संवाद सूत्र, घनौली

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जिला रूपनगर के क्रशर मालिकों और नए रॉयलटी ठेकेदारों में हुई बैठक बिना किसी परिणाम के खत्म हुई। दोनों के बीच रॉयल्टी के रेटों और अन्य शर्तों के मुद्दों पर हुई बातचीत किसी फैसले तक नहीं पहुंची। वहीं क्रशर मालिकों ने रॉयल्टी ठेकेदारों को पांच दिन का समय देते हुए चेतावनी दी कि यदि ठेकेदारों ने क्रशर मालिकों के मसले हल नहीं किए, तो क्रशर यूनियन एकजुट होकर खनन ठेकेदारों को रॉयल्टी देना बंद कर देगी। पंजाब सरकार या जिला प्रशासन ने ठेकेदारों का पक्ष लिया, तो वह सड़कों पर उतर कर संघर्ष करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। बैठक में रूपनगर जिले के लगभग सौ से भी अधिक क्रशर मालिक हाजिर हुए, जबकि रॉयल्टी ठेकेदारों का सिर्फ एक प्रतिनिधि सन्नी ही हाजिर हुआ। क्रशर मालिकों ने ठेकेदारों के प्रतिनिधि को अपनी मजबूरियां बताते हुए कहा कि वह तो पहले ही संकट का समाना कर रहे हैं लेकिन अब रॉयल्टी के बढे़ हुए दामों ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी। अब रॉयल्टी में और बढ़ोतरी सहन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि रॉयल्टी के रेटों में बढ़ोतरी के कारण उनको अपने क्रशर चलाने मुश्किल हो जाएंगे, क्योंकि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में माल पंजाब से सस्ता होने और मोहाली जिले के मुबारकपुर क्षेत्र में रॉयल्टी न लगने के कारण लोग रूपनगर के क्रशरों से माल खरीदने की जगह वहां से माल खरीदने को पहल दे रहे हैं। इस वजह से उनके क्रशर बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने मांग की कि उनको कच्चे माल की पर्चियां दी जाएं, ताकि क्रशर मालिकों को रिटर्न भरने में दिक्कत न आए। उन्होंने यह भी शिकायत की कि क्रशरों की रिटर्न दाखिल करते समय विभाग की जेबें गर्म किए बिना उनकी रिटर्न नहीं ली जाती। खनन ठेकेदारों के प्रतिनिधि ने क्रशर मालिकों को बताया कि मुबारकपुर में भी एक दो दिन में रॉयल्टी शुरू हो रही है और हिमाचल प्रदेश से आ रहे ओवरलोड और गैर कानूनी खनन को रोकने के लिए पंजाब सरकार द्वारा खनन विभाग को सख्त हिदायतें दी गई हैं। उन्होंने क्रशर मालिकों को रिटर्न भरने संबंधी सुझाव दिया कि वह अपनी रिटर्ने उनके पास पहुंचा दिया करें। वह खुद खनन विभाग को रिटर्न दाखिल करवा दिया करेंगे।

क्यों दें रॉयल्टी ठेकेदार के प्रतिनिधि ने क्रशर मालिकों से अपील की कि वह उनका सहयोग करें , ताकि दोनों पक्षों का काम सुचारू रूप से चल सके। इसी दौरान कुछ क्रशर मालिकों ने एतराज जताया कि खनन ठेकेदारों ने अपने वादे मुताबिक न तो हिमाचल से खनन मटीरियल पर रोक लगाई और न ही मुबारकपुर में रॉयल्टी लगवाई, इसलिए वह उनको रॉयल्टी क्यों दें। इसके बाद खनन ठेकेदारों के प्रतिनिधि ने क्रशर मालिकों को भरोसा दिलाया कि वह उनकी मांगों का एक दो दिन में निपटारा कर देंगे।


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