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नफरत करने वाले लोग मानवता के दुश्मन: बाबा प्यारा ¨सह

संवाद सहयोगी, रूपनगर : सर्व धर्म सत्कार तीर्थ धमाना कलां भनियारांवाली में बाबा प्यारा ¨सह के

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 11:04 PM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 11:04 PM (IST)
नफरत करने वाले लोग मानवता के दुश्मन: बाबा प्यारा ¨सह
नफरत करने वाले लोग मानवता के दुश्मन: बाबा प्यारा ¨सह

संवाद सहयोगी, रूपनगर :

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सर्व धर्म सत्कार तीर्थ धमाना कलां भनियारांवाली में बाबा प्यारा ¨सह के जन्म दिवस को लेकर 12 अगस्त से जारी समागम साधू संतों को दान पुण्य करने व संगतों को सिरोपे भेंट किए जाने के साथ समाप्त हो गया। इस दौरान संगतों ने जहां बाबा प्यारा ¨सह के द्वारा बनवाए गए मंदिरों में माथा टेका वहीं पशु पक्षियों को अनाज व चारा भी डाला। समागम की समाप्ति से पहले सत्संग करते हुए बाबा प्यारा ¨सह ने कहा कि सच्चे गुरु के लिए हर धर्म से जुड़ा व्यक्ति एक समान है क्योंकि सच्चा गुरु हर किसी में परम पिता परमात्मा की पावन जोत को देखता है। बाबा जी ने कहा कि परमात्मा एक है लेकिन उसके रूप अनेकों हैं तथा हर कोई परमात्मा के रूप को अपनी सोच के अनुसार मानते हुए उसकी पूजा करता है। उन्होंने कहा कि जो लोग किसी धर्म को छोटा बड़ा समझते हुए अन्य धर्म के लोगों के साथ नफरत करते हैं या किसी ग्रंथ, जाति व वर्ग का अपमान करते हैं वो मानवता के दुश्मन हैं तथा ऐसे लोगों के लिए उनके डेरे में कोई स्थान नहीं है। बाबा जी ने कहा कि वे धर्म, जाति वर्ग में विश्वास नहीं करते हैं बल्कि हर मनुष्य में केवल परमात्मा की जोत को देखते हुए उसे गले से लगाते हैं। बाबा जी ने कहा कि गऊ व गरीब की सेवा अच्छा फल देने वाली है क्योंकि गऊ व गरीब बेजुबान होते हैं लेकिन उनके भीतर से उठने वाली हर आवाज परम पिता परमात्मा के दर तक पहुंच करती है। बाबा जी ने साधु व संतों को नसीहत देते हुए कहा कि भगवा, सफेद या काला चोला डालने से कोई संत नहीं बन जाता। उन्होंने कहा कि मानवता का कल्याण करने वाला व मनुष्य को सही राह दिखाने वाला ही सच्चे संत की श्रेणी में माना जाता है तथा जो साधू व संत बनने के बाद भी इस सिद्धांत को नहीं अपनाते वो पापी हैं व समाज को ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

इस मौके सरवण फर्जी एंड पार्टी ने बाबा जी के द्वारा रचित भजनों का गायन करते हुए संगतों को निहाल किया जिसके बाद साधू व संतों को भंडारा करवाया गया। इस मौके बाबा जी के द्वारा हर साधू व साध्वी को दक्षिणा सहित कमंडल, जूता तथा वस्त्र भेंट करते हुए विदा किया गया जिसके बाद बाबा जी ने संगतों को भी सिरोपे भेंट किए। इस मौके गांव के सरपंच सतनाम ¨सह ने भी साधुओं को सिरोपे वितरित किए तथा सर्व धर्म सत्कार तीर्थ की तरफ से सभी का आभार भी व्यक्त किया। इससे पहले संगत ने बाबा जी के द्वारा बनवाए गए श्री शनिदेव मंदिर सहित श्री विष्णु मंदिर, श्री मस्त बाबा मंदिर, श्री दुर्गा मंदिर, श्री वरूण देव मंदिर, श्री बाबा बालक नाथ मंदिर, श्री शेषनाग मंदिर तथा इतिहासगढ़ साहिब जहां पिछले 15 साल से अखंड जोत जल रही है के दर्शन किए।


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