Move to Jagran APP

10 साल से पराली नहीं जलाई, दिन-दिनों बढ़ रही कमाई

लगभग 10 साल पहले खेतों में पराली के अवशेष को आग न लगाने का फैसला कर चुके अगमपुर के सफल किसान खुशपाल ¨सह ने क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल कायम की है। उन्होंने रिवायती फसली चक्कर छोड़ कर सब्जियों तथा गन्ने के काश्त का भी तजुर्बा किया है। जिसके लिए कृषि टेक्निकल मैनेजमेंट एजेंसी आत्मा की ओर से विशेष रूप से 2 मई को सम्मानित भी किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 11:02 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 11:02 PM (IST)
10 साल से पराली नहीं जलाई, दिन-दिनों बढ़ रही कमाई
10 साल से पराली नहीं जलाई, दिन-दिनों बढ़ रही कमाई

संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब : लगभग 10 साल पहले खेतों में पराली के अवशेष को आग न लगाने का फैसला कर चुके अगमपुर के सफल किसान खुशपाल ¨सह ने क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल कायम की है। उन्होंने रिवायती फसली चक्कर छोड़ कर सब्जियों तथा गन्ने के काश्त का भी तजुर्बा किया है। जिसके लिए कृषि टेक्निकल मैनेजमेंट एजेंसी आत्मा की ओर से विशेष रूप से 2 मई को सम्मानित भी किया है। लगभग 40 एकड़ में सफलतापूर्वक काश्त करने वाला किसान खुशपाल ¨सह धान, गेहूं, आलू, मक्का, हरे मटर की खेती करके मुनाफा कमाने की तरफ कदम बढ़ा रहा है। उसने बगीचों में बागबानी को भी स्थान दिया है। आम, संतरा, किन्नू, अमरूद तथा अलग-अलग सब्जियों की पैदावार करके खुशपाल ¨सह ने क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली है।

loksabha election banner

माहिरों व कैंपों से मिली शिक्षा को खेती में उतारा

¨सह ने बताया कि लगभग 10 साल पहले जब उन्होंने खेतों में पॉपुलर लगाया हुआ था उस समय पराली के अवशेष को आग लगाने से उनका नुकसान हो गया। जिसके बाद उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों तथा कृषि माहिरों के साथ राय करके खेतीबाड़ी में सुधार लाने का फैसला कर लिया तथा क्षेत्र में लगने वाले कैंपों में जाकर नई खोजों तथा नए-नए ढंगों द्वारा अपनी कृषि में बड़ा सुधार किया। जिसके नतीजे में वह 10 साल से खेतों में आग नहीं लगा रहे तथा सफल पैदावार कर रहे हैं।

कीटनाशक से दूर, बीज के साथ पानी देकर हुआ मशहूर

कृषि में चाहे आज नई खोजें तथा मशीनरी आ गई है। लेकिन खुशपाल ¨सह पिछले 10 साल से तवियों द्वारा पराली की बहाई करके गेहूं के बीज का छींटा व पानी देकर और एक या दो बार सोहागा और रोटा बेटर फेरकर फसल बीजता है। जिसके साथ जमीन में मित्र कीड़े भी नष्ट नहीं होते। उसने खेतों में कीड़े मार दवाएं तथा स्प्रे का प्रयोग भी बंद कर दिया है। जिसके नतीजे के तौर पर उसकी जमीन की उपजाऊ शक्ति में भी विस्तार हुआ है।

किसानों से अपील, अपेक्षित फल-सब्जी लगाएं

सफल किसान खुशपाल ¨सह ने कहा कि किसानों को खेतों में हर अपेक्षित फल-सब्जी पैदा करनी चाहिए। किसानों को पंजाब सरकार की तरफ से नई तकनीकों की मशीनें, बीज, दवाएं आदि सब्सिडी पर दी जा रही हैं। नौजवान किसान नई वैज्ञानिक विधियों को अपना रहे हैं। लेकिन हाथों से काम नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को अब खेतों को संभालने की जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.