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तेज रफ्तार, ओवरलोडिंग और हाईवे पर गलत पार्किग से खत्म हो रही जिंदगी

हादसों की वजह एक नहीं दर्जनों हैं। पर सिस्टम की खामियां ऐसी हैं कि इन वजहों को कम करने की बजाय बढ़ा रही हैं। हादसे के बाद लकीर पीटने की कवायद शुरू हो जाती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 12:22 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 12:22 AM (IST)
तेज रफ्तार, ओवरलोडिंग और हाईवे पर गलत पार्किग से खत्म हो रही जिंदगी
तेज रफ्तार, ओवरलोडिंग और हाईवे पर गलत पार्किग से खत्म हो रही जिंदगी

जागरण संवाददाता, रूपनगर : हादसों की वजह एक नहीं दर्जनों हैं। पर सिस्टम की खामियां ऐसी हैं कि इन वजहों को कम करने की बजाय बढ़ा रही हैं। हादसे के बाद लकीर पीटने की कवायद शुरू हो जाती है। पर हादसे से पहले तकनीकी माहिर कोई ध्यान नहीं देते। न ही अधिकारी ट्रैफिक नियमों का पालन सख्ती से करवा पाते हैं। जहां सख्ती की जरूरत है वहां कोई पूछने वाला नहीं है। रोजाना माल वाहक टिप्पर, घोड़े-ट्राले ऐसे ओवरलोड चलते हैं जैसे जंगल राज हो। सड़क सुरक्षा को यकीनी बनाने के दावे तो लाख किए जाते हैं लेकिन असलियत में दावे खोखले साबित होते हैं। जुगाड़ वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दूसरे राज्यों से आकर यहां सब्जी बेचने वाले, गन्ने का रस बेचने वाले और अन्य लोग रेहड़ी रिक्शा पर इंजन लगाकर या रेहड़ी पर मोटरसाइकिल का इंजन लगाकर यूं घूमते फिरते हैं जैसे वो कोई विलायती गाड़ी लेकर आ गए हों। न तो पुलिस इस तरफ ध्यान देती है और न ही परिवहन विभाग। विकट है शहर की स्थिति

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जागरण टीम ने शहर में दौरा करके पाया कि शहर की सर्कुलर रोड इतनी चौड़ी होने के बावजूद सड़कों पर अवैध पार्किंग की वजह से संकुचित हो जाती है। सर्कुलर रोड पर लहरीशाह मंदिर के पास से लेकर अस्पताल तक अवैध पार्किंग अवैध रूप से रेहड़ियां लगना ट्रैफिक समस्या की वजह है और इस वजह से हादसे भी होते हैं। पुल बाजार जहां दोपहिया वाहन और राहगीर आसानी से चलते हैं, वहां दुकानदारों द्वारा बाहर तक अवैध कब्जे और दोपहिया वाहनों का खड़े होना हादसों की वजह बना हुआ है। ओवरलोड मजबूरी, सरकार बंद करवाए तो हो सबका फायदा

इस बारे में ट्रांसपोर्टर दबी जुबान में ओवरलोड वाहनों के चलाने की चाह नहीं रखते लेकिन मजबूरी में वो एक दूसरे के देखा-देखी ऐसा कर रहे हैं। एक ट्रांसपोर्टर ने तो यहां तक कहा कि ओवरलोड बंद हो जाए तो ट्रांसपोर्टर का मुनाफा बढ़ जाएगा, वाहन चालक की सुरक्षा बढ़ जाएगी और राहगीर भी सुरक्षित हो जाएंगे। सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि सड़कें जो कई सालों तक चलनी चाहिए लेकिन ओवरलोड की वजह से चंद मिनटों में दम तोड़ देती हैं, की जिदगी बन जाएगी। पर्याप्त पार्किंग या पूल सिस्टम हो

एडवोकेट चेतन शर्मा ने कहा कि शहर में पर्याप्त पार्किंग की जरूरत है। इसके बिना कोई भी व्यवस्था काम नहीं करेगी। पुलिस कितनी सख्ती कर लेगी। आखिरकार लोग तो वाहन चलाएंगे ही और कहीं न कहीं खड़े भी करेंगे। हां, एक बेहद सुझाव ये हो सकता है कि एक जगह जाने वाले एक सोसायटी के लोग एक साथ एक वाहन में भी जा सकते हैं। ऐसी जगह वाहन खड़े करें जो रास्ते की अड़चन न बने

पूर्व पार्षद रचना लांबा ने कहा कि आबादी के साथ साथ वाहनों की तादात भी बढ़ रही है। ये रोकी भी नहीं जा सकती। पर पर्यावरण को स्वच्छ रखना और सड़कों पर अवैध पार्किंग हादसों का कारण न बने इसके लिए हमें गंभीरता से सोचना होगा और हल निकाला होगा। लोग कहीं भी जाएं वाहन ऐसी जगह खड़ा करें जिससे कि रास्ता ब्लाक न हो। यमदूत के समान भागते हैं ओवरलोड टिप्पर

समाजसेवी दलजीत कौर ने कहा कि ओवरलोडिग बंद होनी चाहिए। दूसरा जिला प्रशासन को पार्किंग की व्यवस्था करवानी चाहिए। पुलिस अब जैसे मास्क न पहनने वालों पर सख्त है ऐसे ही ओवरलोडिग करने वाले वाहनों पर सख्ती होनी चाहिए। अगर ये नियंत्रित किया गया तो हालात बदलेंगे, हादसे कम होंगे। ओवरलोड वाहन कभी भी बेकाबू होकर राहगीरों की बेशकीमती जानों को लील लेते हैं।


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