गुरुद्वारा बिभोर साहिब में 'बोले सो निहाल सत श्री अकाल'
नंगल होला महल्ला के पावन पर्व पर दूर-दराज से संगत यहां पहुंचनी शुरू हो चुकी है वहीं सेवा के लिए लंगर भी दिन-रात जारी हैं। देखा जा रहा है कि हाईवे के अलावा एतिहासिक गुरुद्वारा बिभोर साहिब के समक्ष बेला ध्यानी के बाबा रणजीत सिंह की ओर से अपने पूज्य सचखंड निवासी संत हरबंस सिंह जी की प्रेरणा से बाबा गोपालानंद जी पस्सीवालों के आशीर्वाद से लंगर में भारी संख्या में श्रद्धालु आकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नंगल
होला महल्ला के पावन पर्व पर दूर-दराज से संगत यहां पहुंचनी शुरू हो चुकी है, वहीं सेवा के लिए लंगर भी दिन-रात जारी हैं। देखा जा रहा है कि हाईवे के अलावा एतिहासिक गुरुद्वारा बिभोर साहिब के समक्ष बेला ध्यानी के बाबा रणजीत सिंह की ओर से अपने पूज्य सचखंड निवासी संत हरबंस सिंह जी की प्रेरणा से बाबा गोपालानंद जी पस्सीवालों के आशीर्वाद से लंगर में भारी संख्या में श्रद्धालु आकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। दूसरी तरफ तख्त श्री केसगढ़ साहिब तथा हिमाचल के मैड़ी मेला में पहुंचने के बाद भक्तजन यहां एतिहासिक गुरुद्वारा बिभोर साहिब में ट्रैक्टरों, ट्रालियों, बसों, ट्रकों, थ्री व्हीलरों, स्कूटर, मोटर साइकिलों पर सवार होकर पहुंचने शुरू हो गए हैं। 'बोले सो निहाल सत श्री अकाल' के जयघोषों से सराबोर वातावरण को देख लग रहा है कि सच्चे पातशाह खुद भक्तों में पहुंच चुके हों। बिभोर साहिब के समाजसेवक राम कुमार सहोड़ ने बताया कि यहां पहुंच रहे भक्तजनों की हर सुख सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। बिभोर साहिब में इसलिए भी संगत का सैलाब उमड़ रहा है, क्योंकि यहां मनोहारी वादियों का अलग ही आकर्षण है साथ ही नंगल डैम की विशाल सतलुज झील में स्नान करने के लिए भी भव्य घाट बन चुका है। प्रदूषण मुक्त वातावरण में गुरुघर पहुंचने के बाद संगत आधुनिक भारत का मंदिर माने जाते भाखड़ा बांध देखने भी जा रही है। उधर एतिहासिक गुरुद्वारा घाट साहिब तथा गुरुद्वारा सिंह सभा मेन मार्केट में विश्राम करने के लिए खचाखच भरे वाहनों में संगत नंगल पहुंच रही है। कुल मिलाकर प्राकृतिक खूबसूरती से लैस हरे-भरे नंगल शहर में होला महल्ला की रौनक यौवन पर पहुंचनी शुरू हो चुकी है। इस बार पिछले सालों की तुलना में यहां आ रही संगत की संख्या काफी अधिक है।