घर के बुजुगरें की करें सेवा, उन्हें भार न समझें: अतुल कृष्ण
प्रभु से नाता जोड़े बिना जीवन कृतार्थ नहीं होता। ईश्वर में दृढ़ निष्ठा से कठिन कार्य सरल हो जाते हैं।
जागरण संवाददाता, नंगल
संत आश्रम डेरा ठाकुर वणा सनोली में चल रहे श्रीराम कथा के पांचवें दिन स्वामी अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि संसार की आग से संतप्त जीव के लिए श्रीराम कथा शीतल छाया जैसी है। प्रभु से नाता जोड़े बिना जीवन कृतार्थ नहीं होता। ईश्वर में दृढ़ निष्ठा से कठिन कार्य भी सरल हो जाते हैं। परमात्मा की प्राप्ति में मनुष्य जितना स्वतंत्र है, उतना और किसी भी कार्य में नहीं। भगवान में अपनापन देखना भगवत् कृपा प्राप्त करने का सबसे श्रेष्ठ साधन है। उन्होंने कहा कि घर के बुजुगरें की खूब सेवा करें। उन्हें भार न समझो। वृक्ष बूढ़ा हो जाने पर फल नहीं दे सकता पर छाया तो देता ही है। भक्ति के प्रभाव से जीवन के सारे दुख ओस की बूंद तरह लुप्त हो जाते हैं, इसलिए श्रीहरि की सेवा में आलस्य एवं प्रमाद नहीं करना चाहिए। मनुष्य चाहे तो अपनी करनी से पृथ्वी और आकाश से भी महान बन सकता है। हमें कर्म का नहीं, बल्कि अपनी कामनाओं का त्याग करना है।
अतुल कृष्ण जी ने कहा कि भगवान सबका भला करते हैं। बुधवार को कथा में अयोध्या से जनकपुर को बरात का प्रस्थान, भगवान श्रीराम का भव्य विवाह, भगवान श्रीराम का वन गमन जाने का प्रसंग सभी ने श्रद्धा से सुना। कथा में प्रमुख रूप से सर्वश्री स्वामी आत्मानंद जी महाराज, भैरवगिरि जी महाराज, हजारीलाल कौ'ाल, मंजीत वासुदेवा, राम प्यारा, संजीव धीमान, सुच्चा सिंह, पंडित केवल कृष्ण, सतनाम सिंह, गुलशन शर्मा, काला जी, नरेश कौशल, ओंकार चंद मिस्त्री, जितेंद्र कुमार कौशल, राजेश कौशल, केवल कृष्ण, सुरेंद्र नाथ कौशल व प्रदीप धीमान इत्यादि उपस्थित रहे।
सुभाष शर्मा, जागरण संवाददाता, नंगल।
23 अक्तूबर, 2019