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प्रभु पर विश्वास रखने वाले भक्त जीवन में कभी नहीं होते डांवाडोल

भगवान अपमान कराकर हमें समतावान बनाना चाहते हैं और हम अपमान पसंद नहीं करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 04:25 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 04:25 PM (IST)
प्रभु पर विश्वास रखने वाले भक्त जीवन में कभी नहीं होते डांवाडोल
प्रभु पर विश्वास रखने वाले भक्त जीवन में कभी नहीं होते डांवाडोल

जागरण संवाददाता, नंगल

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संत आश्रम डेरा ठाकुर वणा सनोली में लोक कल्याण के मकसद से आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन स्वामी अतुल कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भाग्य के अंधकार को मिटाने के लिए भगवान की भक्ति सर्वोत्तम साधन है। भगवान की प्रीति पाने के लिए भगवान की भक्ति करें। भगवान अपमान कराकर हमें समतावान बनाना चाहते हैं और हम अपमान पसंद नहीं करते हैं। यह भगवान का अनादर है। प्रभु हमें मित्र देकर उत्साहित करना चाहते हैं, लेकिन हम मित्रों की ममता में फंसते हैं। ईश्वर हमें कुटुंब एवं परिवार देकर संसार की भूलभुलैया से जगाना चाहते हैं, पर हम इसी में आसक्त हो जाते हैं। इन सब प्रपंचों से उबारने वाला सीधा-सादा साधन है प्रभु की पावन कथा। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि जो भक्त प्रभु चरणों में विश्वास रखते हैं, उन्हें कितनी ही बाधाएं क्यों न आएं, वे अपना सच्चाई का रास्ता कभी नहीं छोड़ते। कथा के दौरान अनु महंत जी, राजनगर नंगल वालों ने सनोली आश्रम में गेट के निर्माण के लिए एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की। सभी श्रोताओं ने भगवान श्रीराम का राक्षसों के नाश की प्रतिज्ञा करना, पंचवटी निवास, रावण द्वारा सीता माता का हरण, जटायु उद्धार, शबरी चरित्र, सुग्रीव को एश्वर्य की प्राप्ति का प्रसंग अत्यंत तन्मय होकर सुनते हुए प्रभु के नाम की जय-जयकार की।


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