साधना से होती है अंतकरण की शुद्धि: मोहन गिरि
जो भगवान की शरण में आते हैं उन्हें कभी भी जीवन में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
संस, नूरपुरबेदी: जो भगवान की शरण में आते हैं, उन्हें कभी भी जीवन में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। उक्त प्रवचन गांव लसाड़ी में पंडित श्याम लाल शर्मा के घर में आयोजित धार्मिक समागम के दौरान राष्ट्रीय संत मोहन गिरि जी महाराज ने किए। उन्होंने कहा कि अपने आप को जान लेना सबसे बड़ा भजन है। हम सारी दुनिया को जानकर यदि अपने को ही न जान सके, तो जन्म लेना व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि साधना से अंतकरण की शुद्धि होती है। हम जो चाहते हैं वह होता नहीं, जो होता है वह भाता नहीं, जो भाता है, वह ठहरता नहीं। इस लिए इन सभी कर्मो से छुटकारा पाने के लिए प्रभु का सुमिरन करें। इस मौके पंडित शाम लाल शर्मा राम कुमार शर्मा, बचनी देवी, कमलेश शर्मा, वरूण कुमार नेहा रानी, करूण कुमार संजीव कुमार व कलभूषण शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी उपस्थित थे।