केंद्र कर रहा जांच एजेंसियों का गलत प्रयोग
नूरपुरबेदी पंजाब ने देश की उस समय बाजू पकड़ी थी जब हिदुस्तान दाने- दाने के लिए अमरीका का मोहताज था लेकिन आज पंजाब के किसानों की मेहनत के चलते पूरे देश अंदर अनाज की कोई कमी नहीं है।
संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी: पंजाब ने देश की उस समय बाजू पकड़ी थी , जब हिदुस्तान दाने- दाने के लिए अमरीका का मोहताज था, लेकिन आज पंजाब के किसानों की मेहनत के चलते पूरे देश अंदर अनाज की कोई कमी नहीं है। यह बातें पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने नूरपुरबेदी में किसानों की समस्याएं सुनने से पहले क्षेत्र की तख्तगढ़ में स्थित अनाज मंडी का दौरा करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र के कंट्रोल में ईडी के अतिरिक्त सीबीआइ सहित कई जांच एजेसियां होने का मतलब यह नहीं कि उक्त एजेसियों को अपने राजसी स्वार्थ या गलत कार्यों के लिए प्रयोग किया जाए। जाखड़ ने कहा कि आज जब किसान को अपनी फसलें संभालने के लिए घरों और खेतों में होना चाहिए, लेकिन केंद्र के गलत निर्णय के कारण किसान घरों के बजाय टोल प्लाजा और रेलवे लाइनों व प्लेटफार्मों पर रातें गुजारने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि खेती सुधार कानून रद्द नहीं हुए, तो यह आने वाले दिनों में किसानों सहित मजदूरों, आम लोगों और समूह कारोबारियों के लिए घातक साबित होगें। जाखड़ ने किसानों के पक्ष में खड़े होने पर ईडी ने केंद्र के इशारे पर मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिदर सिंह के लड़के रणइंद्र सिंह को दिल्ली तलब करबदले की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने खेती सुधार कानूनों के खिलाफ विधानसभा में डाले गए प्रस्ताव कारण केंद्र द्वारा ईडी का प्रयोग किया गया। जाखड़ ने कहा कि
आज एफसीआइ की खरीद बंद होने के कारण गेहूं 1600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है, जबकि पंजाब ने कोरोना संकट के दौरान भी एक करोड़ 28 लाख टन गेहूं की खरीद की थी, जोकि किसानों की मेहनत कारण ही संभव हो सका । अब केंद्र सरकार कह रही है कि कि हमें किसानों की जरूरत नहीं है।