खुले में शौच दो अक्टूबर से मुकम्मल बंद, प्लास्टिक के निपटारे पर होगा काम
वीके जिदल ने कहा कि खुले में शौच शहरी इलाके में दो अक्टूबर से मुकम्मल बंद हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, रूपनगर: भारत सरकार के मकान निर्माण और शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) भारत के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीके जिदल ने कहा कि खुले में शौच शहरी इलाके में दो अक्टूबर से मुकम्मल बंद हो जाएगा। सॉलिड वेस्ट के लिए पहले ही काम चल रहा है और निपटारे योग्य और न निपटारे योग्य प्लास्टिक के लिए भी अलग योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि खुले में शौच से बीमारियां हो रही हैं। अब ये बंद हो जाएगा, तो बीमारियां नाममात्र रह जाएंगी। पूरे देश में शहरी क्षेत्र में दो अक्टूबर को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) हो जाएगा। जिसे भी शौचालय की जरूरत होगी, उसे शौचालय दिलाया जाएगा। आइएएस जिदल ने कहा कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत 2014 में स्वच्छता अभियान आरंभ हुआ था। तब देश का 18 फीसद कूड़ा प्रोसेस होता था। आज 95 फीसद डोर टू डोर कूड़े की कलेक्शन देश में हो रही है। 57 फीसद प्रोसेसिग की जा रही है। कूड़ा एकत्र करने की क्षमता पहले 14 लाख टन थी, वो अब 100 लाख टन हो गई है।
रिसाइकिल न होने वाले प्लास्टिक के निपटारा के लिए भी कई योजनाएं वीके मित्तल ने कहा कि प्लास्टिक को हटाने के लिए घर से ही कूड़ा अलग करना होगा। अगर प्लास्टिक अलग नहीं करेंगे, तो प्लास्टिक से छुटकारा नहीं मिल सकता है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को प्लास्टिक को समाप्त करने के लिए अभियान चलाने का एलान किया था, उसके तहत काम किया जा रहा है। जो प्लास्टिक रिसाइकिल नहीं हो सकता, वो समस्या है। उसके समाधान के लिए सीमेंट बनाने वाली कंपनियों से बात की गई है। 46 फैक्ट्रियां है,ं वो खुद ही प्लास्टिक ले जाएंगी और उसे सीमेंट प्लांट में इस्तेमाल करेंगी। दूसरा नेशनल हाइॅवे अथॉरिटी से भी बात हो गई है, जो नॉन रिसाइकिल होने वाली प्लास्टिक को सड़क बनाने में इस्तेमाल करेगी। रेलवे मंत्रालय ने भी ट्रांसपोर्टेशन में सहयोग का आश्वासन दिलाया है। जहां प्लास्टिक लाने व ले जाने में दिक्कत आएगी, वहां रेलवे सहयोग देगा।