Move to Jagran APP

बीबीएमबी के अंतरिम चेयरमैन की नियुक्ति के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर

भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के चेयरमैन के रिटायर होने के बाद उनकी जगह पर भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की ओर से आइएएस अधिकारी तन्मय कुमार को अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किए जाने के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 01:05 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 06:11 AM (IST)
बीबीएमबी के अंतरिम चेयरमैन की नियुक्ति के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर
बीबीएमबी के अंतरिम चेयरमैन की नियुक्ति के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर

जागरण संवाददाता, नंगल : भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के चेयरमैन के रिटायर होने के बाद उनकी जगह पर भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की ओर से आइएएस अधिकारी तन्मय कुमार को अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किए जाने के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य (सिंचाई) गुलाब सिंह नरवाल की ओर से हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में केंद्र सरकार सहित भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड तथा अन्य प्रतिवादी पक्षों को 28 जुलाई के लिए नोटिस जारी कर जबाव मागा गया है। याचिका में यह कहा गया है कि वर्ष 1988 के बाद से ही जब कोई चेयरमैन रिटायर होता है तो उनकी जगह बोर्ड के सबसे वरिष्ठ सदस्य को ही चेयरमैन नियुक्त किया जाता है। यह भी बताया गया है कि याचिकाकर्ता बोर्ड के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं जिन्होंने चेयरमैन की नियुक्ति के लिए बाकायदा नियमानुसार आवेदन प्रस्तुत किया था जिसके चलते 24 जून 2020 को चयन समिति ने उन्हें इंटरव्यू के लिए भी बुलाया था। लेकिन आज तक इंटरव्यू के आधार पर चयन संबंधी उचित फैसला ना लेकर बीबीएमबी के लिए अंतरिम चेयरमैन की नियुक्ति कर दी गई है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि देश की संवेदनशील परियोजनाओं के दायरे में आती भाखड़ा नंगल पनबिजली परियोजनाओं जैसी अन्य कई जलविद्युत परियोजनाओं का संचालन कर रहे भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के कार्यकारी चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर पहले भी कई संगठनों की ओर से केंद्र सरकार के फैसले को अन्यायपूर्ण बताया गया है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि शुरू हो चुके मानसून के सीजन में पंजाब जैसे बड़े प्रात को बाढ़ से बचाने के मद्देनजर बीबीएमबी के लिए स्थाई अथवा जल परियोजनाओं का अनुभव रखने वाले अनुभवी को ही चेयरमैन की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। ग्राउंड जीरो पर चेयरमैन जैसा अधिकारी उपस्थित रहकर ही सही वक्त पर समय रहते जल प्रबंधन के फैसले ले सकता है। शायद इन्हीं कारणों से विगत में चेयरमैन के पदों पर रिटायरमेंट के बाद पाच बार चेयरमैन का पद सदस्य सिंचाई को सौंपी जाती रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.