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कीरतपुर साहिब-बिलासपुर एनएच जाम, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी

कीरतपुर साहिब के निटवर्ती गांव मौड़ा में गांववासियों ने नेशनल हाइवे पर पंद्रह मिनट जाम लगाते हुए प्रशासन तथा संबंधित विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए रोष जताया। क्षेत्रवासियों के अनुसार जाम लगाने जाम लगाने की मुख्य कीरतपुर साहिब-बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) राष्ट्रीय मार्ग की खस्ता हालत है। इसके अलावा सड़क के निकट ही पोल्ट्री फार्मों से भी लोगों को परेशानी है। इस दौरान राहगीरों व बस यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 09:33 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 09:33 PM (IST)
कीरतपुर साहिब-बिलासपुर एनएच जाम, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
कीरतपुर साहिब-बिलासपुर एनएच जाम, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी

जागरण टीम, कीरतपुर साहिब

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कीरतपुर साहिब के निकटवर्ती गांव मौड़ा में गांववासियों ने नेशनल हाईवे पर पंद्रह मिनट जाम लगाते हुए प्रशासन तथा संबंधित विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए रोष जताया। क्षेत्रवासियों के अनुसार जाम लगाने जाम लगाने की मुख्य कीरतपुर साहिब-बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) राष्ट्रीय मार्ग की खस्ताहालत है। इसके अलावा सड़क के निकट ही पोल्ट्री फार्मों से भी लोगों को परेशानी है। इस दौरान राहगीरों व बस यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मौके पर सरपंच सर्वण ¨सह, ब्लॉक समिति सदस्य देसराज, पवन कुमार, जीत ¨सह चौधरी, भाग राम, राम प्रकाश, भू¨पदर ¨सह, गुरदेव ¨सह,स्वर्णजीत ¨सह, प्यारा ¨सह, कुलवीर ¨सह आदि सहित बड़ी संख्या में लोगों ने नेशनल हाइवे को जाम करते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते कहा कि इस सड़क की हालत की हालत में सुधार करने के लिए जिम्मेदार पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हैं। उन्होंने बताया कि इस सड़क की खस्ता हालत के कारण क्षेत्रवासी तथा राहगीर रोजाना हादसों का शिकार होकर घायल हो रहे हैं। यही नहीं कई वाहन चालकों को तो अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है। इस दौरान गुस्साए हुए गहरा रोष जताते कहा कि यदि जलद ही इस समस्या का समाधान न हुआ तो इस संघर्ष को जारी रखते हुए दोबारा जाम लगाते हुए और भी तेज किया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि मुख्य मार्ग की खस्ता हालत के कारण उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर पड़े गड्ढों में डाली गई मिट्टी उड़कर राहगीरों की आंखों में पड़ती है जोकि हादसों का कारण बन रही है। इसी प्रकार मुख्य मार्ग के साथ बने हुए घरों के वासियों के लोगों का तो दम घुट रहा है। जिसके कारण लोगों को सांस की बीमारियों के फैलने का खतरा बन गया है। इस दौरान थाना कीरतपुर साहिब के एएसआइ लेखा ¨सह पुलिस पार्टी सहित मौके पर पहुंचे तथा प्रदर्शनकारियों को शांत किया। नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे, दिया आश्वासन इस दौरान क्षेत्रवासियों द्वारा नेशनल हाईव जाम करने की जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार आनंदपुर साहिब सु¨रदर ¨सह मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मौके पर पहुंचकर क्षेत्रवासियों से जाम हटाने की अपील करते हुए उच्चाधिकारियों को इस समस्या के संबंध में अवगत करवाने तथा जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने क्षेत्रवासियों से मांगपत्र भी प्राप्त किया। पोल्ट्री फार्मों के खिलाफ दिया था एसडीएम को मांगपत्र गांववासी पवन कुमार बब्बी आदि ने बताया कि 5 नवंबर को उन्होंने एसडीएम को अपनी मांगों के संबंध में मांगपत्र भी दिया था, जिसमें मुख्य रूप से सड़क की खस्ता हालत तथा पंजाब-हिमाचल प्रदेश की सीमा पर एक फेक्ट्री में चल रहे मुर्गी फार्मों के कारण पैदा रही मक्खियों-मच्छरों के कारण पैदा होने वाली बीमारियों से निजात दिलाने की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि उनके गांव में मक्खियों-मच्छरों की इतनी भरमार हो चुकी है कि वे चैन से भोजन भी नहीं कर सकते। उन्होंने एसडीएम के माध्यम माध्यम से प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड तथा सड़क निर्माण करने वाली कंपनी को इस समस्या का समाधान करने की अपील की गई थी। लेकिन दस दिनों के बीत जाने के बावजूद न तो सड़क पर पैचवर्क का काम शुरू हो सका तथा न ही मुर्गी फार्मों से पैदा हो रही मक्खियों के प्रभाव को रोकने के लिए आदेश जारी कर स्प्रे (छिड़काव) आदि करवाई गई है। जिसके कारण परेशान होकर वे जाम लगाने के लिए विवश हो गए हैं। नवंबर 2012 से बन रहा है मार्ग उल्लेखनीय है कि कीरतपुर साहिब से नेरचौक तक निर्माणाधीन इस मार्ग पर काम करने वाली सड़क निर्माण कंपनी द्वारा कार्य रोक दिए जाने के चलते क्षेत्रवासियों तथा राहगीरों को मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं। इस संबंधी प्राप्त जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण का कार्य नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 16 मार्च 2012 को प्रोजेक्ट का समझौता करवाया था। जिसके उपरांत इस प्रोजेक्ट पर काम 14 नवंबर को शुरू हुआ तथा इस 84.380 किलोमीटर लंबी सड़क को 1818.47 करोड़ रूपए की लागत के साथ लगभग तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जबकि कंपनी द्वारा काम अधर में लटकाए जाने के कारण लगभग पांच वर्षों के बीत जाने पर भी सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। सड़कर की दयनीय हालत हो चुकी है जगह जगह पर गहरे गड्ढे पड़े हुए हैं। गांववासियों ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एसडीएम आनंदपुर साहिब मांगपत्र भी दिया गया था।


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