दो शिक्षकों के तबादले पर गांववासियों ने बरौली स्कूल के गेट पर जड़ा ताला
रूपनगर साथ लगते गांव बरौली के स्कूल से दो शिक्षकों के हुए तबादले का विरोध करते हुए गांववासियों ने स्कूल को ताले लगा दिए, जिसके बाद गांव वासियों ने स्कूल के बच्चों को साथ लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
संवाद सहयोगी, रूपनगर
साथ लगते गांव बरौली के स्कूल से दो शिक्षकों के हुए तबादले का विरोध करते हुए गांववासियों ने स्कूल को ताले लगा दिए, जिसके बाद गांव वासियों ने स्कूल के बच्चों को साथ लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस बारे सूचना मिलते ही हरकत में आई विभाग की टीम मौके पर पहुंची व रोष में भरे लोगों को उनकी मांग मंजूर करने का भरोसा दिलाया जिसके बाद गांव वासियों ने स्कूल का ताला खोलते हुए चेतावनी दी कि अगर 15 दिनों के भीतर शिक्षकों के तबादले रद्द करते हुए उन्हें इसी स्कूल में तैनात नहीं किया गया तो सारे गांव वासी चक्का जाम करेंगे। गांव वासियों के अनुसार सरकार की शह पर शिक्षा विभाग ने इस स्कूल के एसएस अध्यापक तजिन्द्र ¨सह और ¨हदी अध्यापक राजविन्द्र कौर का अचानक तबादला कर दिया है जिसके चलते गांव वासियों में गुस्सा है व इसी गुस्से के चलते गांव के इस स्कूल को ताले लगाते हुए स्कूल के आगे बच्चों सहित जहां धरना दिया गया है वहीं सरकार और शिक्षा विभाग के इस तुगलकी फरमान के विरोध में नारेबाजी भी की गई है। उन्होंने बताया कि स्कूल के किसी भी अध्यापक को स्कूल के भीतर नहीं जाने दिया गया है। इस मौके उपस्थित रतन ¨सह, बलदेव ¨सह, धर्म ¨सह, इंदू बाला, हरजीत ¨सह, सतवंत कौर, मनजीत कौर, बलजीत कौर सहित अन्य गणमान्यों ने बताया कि इस स्कूल के दो अध्यापकों का तबादला करना गलत फैसला है जिससे विद्यार्थियों पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि अध्यापकों द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे संघर्ष के कारण अध्यापकों को निशाना बनाने की यह सरकारी नीति समाज और विद्यार्थियों के भविष्य के लिए नुकसान दायक है। गांव वासियों ने कहा कि दोनो अध्यापक गांव के स्कूल में लंबे समय से पढ़ाते आ रहे है और उनकी कोई भी शिकायत नहीं है। गांव वासियों द्वारा स्कूल को ताले लगाने की सूचना मिलते ही हरकत में आए विभाग ने घड़ूआं स्कूल के ¨प्रसिपल नरेंद्र सिह गिल और जिला शिक्षा सुधार टीम के मेंबर बलदेव ¨सह को मौके पर भेजा, जिन्होंने गांव वासियों को शांत किया व स्कूल के ताले खुलवाए। इस मौके बातचीत करते हुए नरेंद्र ¨सह गिल और बलदेव ¨सह ने बताया कि सरकार द्वारा इन अध्यापकों जरूरत वाले स्कूलों में अस्थाई रूप से बदला गया है। उन्होंने कहा कि इनकी जगह पर जल्दी ही और अध्यापक भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने सारा मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाने का भरोसा भी दिया। इसके बाद गांव वासियों ने चेतावनी देते कहा कि यदि सरकार ने 15 दिनों के अंदर स्कूल से बदले अध्यापकों की बदली को रद्द नहीं किया गया तो पूरा गांव संघर्ष करेगा जिसके तहत हाईवे पर चक्का जाम भी किया जाएगा।