डूबने लगा छोटे क्रशर मालिकों का कारोबार
जिला रूपनगर में पैदा हुए खनन संकट के कारण छोटे क्रशर मालिकों को अपने क्रशर चलाने बहुत ज्यादा मुश्किल हो चुके हैं।
संवाद सूत्र, घनौली: जिला रूपनगर में पैदा हुए खनन संकट के कारण छोटे क्रशर मालिकों को अपने क्रशर चलाने बहुत ज्यादा मुश्किल हो चुके हैं। इस कारण जिल रूपनगर की क्रशर इंडस्ट्री से जुड़े हजारों व्यक्तियों को अपना रोजगार छीन जाने का डर सताने लग पड़ा है। दूसरी तरफ उच्च सियासी पहुंच वाले व्यक्ति धड़ल्ले से क्रशर चलाकर अपनी तिजोरियां भरने में जुटे हुए हैं। जिले में डिप्टी कमिशनर रूपनगर ने बरसात का मौत होने के कराण खड्डों में से कच्चे माल की निकासी पर पूर्ण रोक लगाई गई है। इस रोक का असर भी छोटे क्रशरों पर ही पड़ा दिखाई दे रहा है, क्योंकि नंगल सरसा और भरतगढ़ जोनों में क्रशरों पर तैयार पड़े माल को बेचने वाले क्रशर मालिकों को खनन विभाग के कर्मचारी धमका रहे हैं। ।कर्मचारी बार बार क्रशरों पर पड़े कच्चे माल को चेक करने के लिए चक्कर मार रेह हैें। दूसरी तरफ आनंदपुर साहिब और नूरपुरबेदी क्षेत्र में आधे दर्जन से अधिक ऐसे क्रशर हैं, जिससे रोजाना सैकड़ों की संख्या में बड़े बड़े टिप्पर और घोड़े माल लेकर पंजाब के विभिन्न स्थानों के लिए जा रहे हैं। इन वाहनों में वाहन की बॉडी से कई फीट ऊपर तक खनन सामग्री ले जाने के बावजूद न तो इन वाहनों को रोकने की हिम्मत किसी भी जिले की पुलिस के पड़ती है, न ही इनको कोई अधिकारी रोकता है। नाकों पर भी यह वाहन बेरोक टोक गुजरते हैं। वहीं भरतगढ़ में खनन ठेकेदारों द्वारा तैयार करवाए कंडे बेशक सरकार ने अपने कब्जे में लेकर उन कंडों पर अपने मुलाजिमों को तैनात कर दिए हैं, लेकिन यह कंडे भी बड़े लोगों के लिए वरदान साबित होते नजर आ रहे हैं। सरहिद निकट क्रशरों या पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से कोई व्यक्ति क्रशर पर तैयार हुआ माल बेचने की लिए टिप्पर लेकर सरहदी कंडे पर भरतगढ़ में पहुंचा है, तो कंडा चालू न होने के बावजूद कंडे पर तैनात मुलाजिम कागज पत्र चेक करने के बहाने टिप्पर चालक को परेशान करते हैं। खनन माफिया के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोट में केस लड़ रहे समाज सेवी बचित्तर सिहं जटाणा ने मांग की कि आनंदपुर साहिब और नूरपुरबेदी क्षेत्र से विभिन्न स्थानों के लिए जाने वाले खनन सामग्री के वाहनों की कीरतपुर साहिब और सोल्खियां टोल पलाजा पर लगे कैमरों की मदद से जांच करवाई जाए। यह भी पड़ताल की जाए कि बरसाती पाबंदी से पहले इन क्रशरों के पास कच्चे माल का कितना स्टॉक मौजूद था और पाबंदी दौरान कितना कच्चा माल उन्होंने पीसकर वेचा है। इस बारे में माइनिग अफसर रूपनगर सिमरजोत कौर ने कहा कि विभाग समय- समय पर इस बारे में चेकिंग करता है। पहले भी कई बार ऐसे वाहनों के चालान काटे गए हैं।