घोटाले में जेल में बंद पर्ल ग्रुप के एमडी का कर्जमाफी की लिस्ट में नाम
एक अोर कर्ज से परेशान किसान कर्जमाफी की लिस्ट में अपना नाम न होने की वजह से परेशान हैं और दूसरी ओर सरकार धोखाधड़ी के आरोप में बंद पर्ल ग्रुप के एमडी का कर्ज माफ कर रही है।
अजय अग्निहोत्री, झल्लियां कलां (रूपनगर)। किसानों की कर्ज माफी को लेकर बनाई गई सूची में एक तरफ सैकड़ों जरूरतमंद किसानों के नाम गायब हैं तो दूसरी तरफ पर्ल ग्रुप के एमडी सुखदेव सिंह का नाम इसमें शामिल है। पंजाब के लोगों को प्लाट के मालिक बनाने का सब्जबाग दिखाकर धोखाधड़ी करने के आरोपों का सामना कर रहे पर्ल ग्रुप (पीएसीएल) के एमडी सुखदेव सिंह का पंजाब सरकार एक लाख 74 हजाररुपये का कर्ज माफ करेगी। गांव झल्लियां कलां में को-आपरेटिव सोसाइटी में लगी लिस्ट में उनका नाम 26वें नंबर पर लिखा माना गया है।
सुखदेव सिंह इस समय जेल में बंद है और उसके नाम 1.74 लाख का कर्ज है
पर्ल ग्रुप (पीएसीएल) के एमडी सुखदेव सिंह इस समय धोखाधड़ी के केस में जेल में बंद हैं, लेकिन गांव के लोगों में उनका नाम लिस्ट में आने से रोष है। उनका कहना है कि इतने बड़े कारोबारी और गांव में बड़ी कोठी के होने पर भी अगर सुखदेव सिंह का कर्जा माफ हो सकता है तो बाकी किसानों का क्या गुनाह है कि वो कर्जमाफी से वंचित रह जाएं।
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उनके नाम के बारे में सोसायटी के डिप्टी रजिस्ट्रार रघवीर सिंह ने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि 26वें नंबर पर जो सुखदेव सिंह कर्जा माफी का लाभपात्री है, वह पर्ल ग्रुप का एमडी है। लेकिन, रिकॉर्ड के मुताबिक उसने कर्जा लिया था और सरकार की नीति के तहत वो लाभपात्री बना है। अब ये मामला ध्यान में आया है, अब इसकी जांच करवाई जाएगी।
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ये विवरण है लिस्ट
को ऑपरेटिव सोसायटी में लगी लिस्ट में 26 वें नंबर पर नाम सुखदेव सिंह पुत्र रघवीर सिंह लिखा है। सुखदेव सिंह का आधार नंबर 9703, कोआपरेटिव सोसाइटी का अकाउंट नंबर-173810010300315 दिया गया है। सोसाइटी की तरफ खड़ी राशि 1 लाख 74 हजार 214 रुपए दर्शाई गई है।
कर्ज से परेशान महिला बोली- साडा कर्जा क्यों माफ नहीं कित्ता
सोसायटी कार्यालय के बिलकुल निकट रही महिला सुङ्क्षरदर कौर ने कहा कि पर्ल कंपनी के एमडी सुखदेव सिंह का कर्जा माफ कर दिया गया है। पर गांव के वो किसान कहां जाएं जिनके नाम लिस्ट में नहीं हैं। उसके पति नाहर सिंह ने पौना एकड़ जमीन पर कर्जा लिया था। उसके देवर तेजिंदर सिंह ने भी पौना एकड़ जमीन पर कर्जा लिया था। पर उनके नाम लिस्ट में नहीं है। उसका देवर तो खेतों में गिरने से गर्दन में आई चोट के कारण काम करने लायक भी नहीं है। उनका कर्जा क्यों माफ नहीं हुआ, सरकार जवाब दे।
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