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एनओसी न मिलने से नंगल डैम झील पर पैंटून ब्रिज बनाने का काम रुका

सुभाष शर्मा, नंगल शहरवासियों के साथ-साथ दूर प्रांतों की ओर आने-जाने वाले हजारों वाहन चालकों को

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 10:41 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 10:41 PM (IST)
एनओसी न मिलने से नंगल डैम झील पर पैंटून ब्रिज बनाने का काम रुका
एनओसी न मिलने से नंगल डैम झील पर पैंटून ब्रिज बनाने का काम रुका

सुभाष शर्मा, नंगल

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शहरवासियों के साथ-साथ दूर प्रांतों की ओर आने-जाने वाले हजारों वाहन चालकों को नंगल डैम के आसपास रुक-रुककर लगने वाले रेलवे के फाटकों तथा टू लेन नेशनल हाईवे का फोरलेन न होने की वजह से बरकरार ट्रैफिक जाम की परेशानी से राहत मिलने वाली नहीं है, क्योंकि नंगल डैम झील पर बनने वाले पैंटून ब्रिज का काम एनओसी न मिलने के कारण रुक गया है। इस पुल से जहां ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म होनी थी वहीं हिमाचल को भी इसका बड़ा लाभ मिलने वाला था। मिली जानकारी के अनुसार भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड ने सुरक्षा व अन्य कारणों के मद्देनजर पैंटून ब्रिज बनाने के प्रोजेक्ट को एनओसी देने से मना कर दिया है। गौरतलब है कि इस पुल को बनाने के लिए सबसे पहले नंगल नगर कौंसिल ने गत 12 फरवरी 2018 को बैठक करके 7.61 करोड़ का प्रस्ताव पारित किया था जिसके बाद विपक्षी पार्षदों के विरोध कारण पंजाब विधानसभा के स्पीकर एवं स्थानीय विधायक राणा केपी सिंह ने पुल बनाने के लिए जरूरी बजट नगर कौंसिल न लेकर पंजाब सरकार से जारी करवाया था। यहीं बस नहीं पुल को चौड़ा व अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए इस बजट को बढ़ा कर नौ करोड़ कर दिया गया था। टेंडर लगाने के बाद पुल के लिए जरूरी पुर्जो को बनाने का काम शुरू हो चुका था, लेकिन अब एनओसी न मिलने से इस पुल का निर्माण रुक गया है। सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा नजर नहीं आ रहा है कि अब इस पुल का निर्माण हो सकेगा। करीब छह माह पहले पंजाब सरकार ने यहां पुल बनाने के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड से एनओसी लेने की प्रक्रिया शुरू की थी। डैम से गुजरते एनएच पर जाम की समस्या बरकरार संवेदनशील स्थलों की श्रेणी में आते नंगल डैम के ऊपर से ही राष्ट्रीय उच्च मार्ग एक्सटेंशन 503 गुजरता है। इसके साथ ही हिमाचल की ओर जाने वाला नार्दन रेलवे का रेलवे ट्रैक भी डैम के ऊपर से गुजरता है। परिणामस्वरूप 24 घंटे में एक साथ करीब पांच फाटक लगभग 20 बार बंद होते हैं, क्योंकि हिमाचल की ओर जाने वाली रेल गाड़ियों की संख्या सात तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा रेल गाड़ियों का वाशिंग सेंटर नंगल में होने के कारण हिमाचल से साफ होने के लिए सभी रेल गाड़ियां वापस नंगल आती हैं। इसके अलावा एनएफएल की ओर आने-जाने वाली माल गाड़ियां तथा नार्दन रेलवे के मेंटीनेंस वाहन भी इस ट्रैक से गुजरते हैं। परिणामस्वरूप ट्रैफिक जाम के कारण हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तरांचल आदि प्रांतों की ओर जाने वाले हजारों वाहन रोज जाम में फंस कर कीमती समय व ईधन की बर्बादी से नुकसान झेलते आ रहे हैं। निश्चित रूप से पैंटून ब्रिज न बनने के कारण अब परेशानी का दौर और लंबा हो सकता है।

नहीं आई है एनओसी

भाखड़ा बांध के चीफ इंजीनियर अश्वनी कुमार अग्रवाल के अनुसार अभी तक उनके पास पैंटून ब्रिज के निर्माण संबंधी एनओसी नहीं आई है। एनडीए के लोगों ने रुकवाई एनओसी

फोटो 19 एनजीएल 10 में है।

स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा कि एनडीए सरकार के कुछ जनप्रतिनिधियों ने ही रुकावट पैदा करके एनओसी को रुकवा दिया है। उन्होंने बताया कि पैंटून पुल बनाकर इलाका वासियों को राहत दिलाने के लिए काम शुरू हो चुका था। जरूरी पुर्जे बनाए जा चुके हैं। ऐसे में पुल का काम रुकवा कर एनडीए ने नंगल इलाके के लोगों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से बीबीएमबी पर एनओसी न देने का दबाव बना कर यह कहा गया है कि लोकसभा चुनाव से पहले एनओसी न दी जाए। पंजाब सरकार का पैंटून ब्रिज बनाने के लिए आठ करोड़ रुपया डंप पड़ा है। पुल के लिए बनकर तैयार हुए ढोल भी डंप हुए पड़े हैं। इससे घटिया कोई राजनीति नहीं हो सकती। जो लोग सत्ता में रहते हुए आप कुछ नहीं कर सके उन्होंने उनके द्वारा जनहित के लिए किए जा रहे कार्यो में रुकावट खड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि बरारी गांव के निकट निर्माणाधीन पुल का काम रुकवाने के लिए भी एनडीए व भाजपा के लोगों ने रुकावट खड़ी करने के लिए भरसक प्रयास किए हैं जिसके प्रमाण वे जनता के समक्ष जल्द प्रस्तुत कर देंगे। भाजपा के पूर्व मंत्री ने खुद बरारी पुल का काम रुकवाने के लिए हिमाचल के डीएफओ को फोन किए हैं।


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