आचार संहिता के कारण ठंडे बस्ते में पड़े हैं 1.20 करोड़ के प्रोजेक्ट
रूपनगर में आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान कई विकास कार्य नहीं हो पाए।
जागरण संवाददाता, रूपनगर
रूपनगर में आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान कई विकास कार्य नहीं हो पाए। नगर कौंसिल कई विकास कार्य केवल इसलिए नहीं करवा सकी, क्योंकि आचार संहिता लागू है। अब मतणगना के बाद परिणाम आएंगे और फिर आचार संहिता खत्म होगी। रूपनगर नगर कौंसिल के ही 1 करोड़ 20 लाख रुपये के कार्य ऐसे हैं , जिनके टेंडर आचार संहिता लागू होने के कारण अटक गए। नगर कौंसिल की तरफ से सिविल के 50 लाख रुपये के कार्यों का एस्टीमेट तैयार था और एन मौके पर चुनाव आचार संहिता लग गई। इस वजह से इन कामों के टेंडर आचार संहिता खत्म होने के बाद ही लग पाएंगे। रूपनगर शहर को एलइडी लाइट से रोशन करने का कौंसिल का प्रोजेक्ट भी संहिता के कारण लेट हो गया। इसका प्रस्ताव कौंसिल हाउस पार कर चुका है और अब तो टेंडर लगने का इंतजार है।
आचार संहिता लगने से पहले हुई कौंसिल की बैठकों में ये फैसला लिया गया था कि हरगोबिद नगर में पार्क बनाया जाए और डिस्पोजल में खाली पड़ी जमीन पर मार्केट बनाई जाए। इसके लिए प्राथमिक एस्टीमेट तैयार हो गए हैं। अब इसके लिए टेंडर मांगने का काम होना है। संहिता के दौरान ये काम नहीं हो पाए। अब अढ़ाई माह के समय संहिता में बीतने के बाद इसके लिए टेंडर लगेंगे। मार्केट बनने से कौंसिल की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। ये कौंसिल के लिए सकारात्मक फैसला है। ढाई माह लेट हो गया शहर रोशन करने का प्रोजेक्ट शहर में 70 हजार रुपये के करीब एलइडी और स्ट्रीट लाइट का सामान खरीदने का काम भी अटका हुआ है। कौंसिल प्रबंधन इसका इंतजार कर रहा है। कौंसिल द्वारा बनाई गई योजना के तहत रूपनगर बाईपास से शहर को संपर्क करने वाली सड़कों पर रात के समय स्ट्रीट लाइट न होने के कारण परेशानी आ रही है और कौंसिल यहां एलइडी लाइटें लगाना चाहती है। इसी तरह मेन बाजार में एलइडी लाइटें लगाई जानी हैं। बाकी स्ट्रीट लाइटों की रिपेयर का सामान खरीदना है। ये टेंडर संहिता के दौरान नहीं लग पाए। इसे संहिता हटने के तुरंत बाद लगाया जाना है। संहिता हटने के बाद लगेंगे 1.20 करोड़ के टेंडर: माक्कड़ नगर कौंसिल के प्रधान परमजीत सिंह माक्कड़ ने कहा कि 50 लाख रुपये के सिविल के कार्य और स्ट्रीट लाइट व एलइडी के 70 लाख रुपये के काम आचार संहिता हटने के बाद ही हो पाएंगे। संहिता के दौरान नए टेंडर लगाने पर रोक होती है और इस दौरान कोई भी टेंडर लगाना संहिता का उल्लंघन माना जाता है।
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