नदियों से घिरे शहर में नहीं ड्रेनेज सिस्टम
रूपनगर शहर मे पानी की निकासी का बंदोबस्त कभी सही तरीके से नहीं हो पाया।
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर : रूपनगर शहर मे पानी की निकासी का बंदोबस्त कभी सही तरीके से नहीं हो पाया। शहर में पानी का बहाव पश्चिम की ओर है। शहर का पानी शहीद भगत सिंह चौक (बेला चौक) के पास से आज के समय में बनी कॉलोनियों हरगोबिद नगर, दशमेश नगर, रणजीत एवेन्यू से होकर आगे जमीन में जाता था। ऐसी स्थिति कोई 30-35 साल पहले थी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। जहां निकासी का पानी जाता था, वहां कॉलोनियां और मार्केट बन गई। अब वर्तमान में स्थिति ये है कि कौंसिल प्रबंधन ने कुछ साल पहले सीवरेज सिस्टम में बरसाती पानी मिला दिया है। अब सीवरेज इतना पानी संभाल नहीं पाता और शहर चंद घंटे बारिश के बाद तालाब का रूप धारण कर लेता है। रिहायशी कालोनियों में घंटों पानी खड़ा रहता है। ज्यादा समस्या शहर के दक्षिण पश्चिम में बनी कालोनियों में है।
शहर में कभी ड्रेनेज सिस्टम ही नहीं बना। रूपनगर शहर पश्चिम में सतलुज दरिया बहता है और पूर्व में दरिया से निकलने वाली सरहिद नहर जाती है। कुछ हटकर पास ही भाखड़ा मेन लाइन नहर है। दरिया और नहरों से घिरे रूपनगर शहर में आबादी बढ़ने के साथ साथ ड्रेनेज व्यवस्था न होने से समस्या बढ़ती गई। बाक्स
पहली प्लानड कॉलोनी में भी स्ट्राम वाटर नहीं दुरुस्त
शहर की पहली प्लानड कॉलोनी ज्ञानी जैल सिंह नगर में स्ट्राम सीवर डाला गया था, लेकिन वो रखरखाव की कमी के कारण ब्लॉक हो गया। अब बारिश के बाद मुख्य सड़कों पर पानी जमा हो जाता है। जो बाद में नगर सुधार सभा ने कालोनियां बनाई थी, उनमें स्ट्राम वाटर सिस्टम काम नहीं करता।
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आजादी से पहले से है यहां नगर कौंसिल
रूपनगर बेहद पुरातन है। हड़पा सभ्यता के यहां अवशेष हैं। ऐतिहासिक टिब्बी यहां आज भी है। सबसे खास बात ये है कि रूपनगर शहर में नगर कौंसिल आजादी से पहले की स्थापित है। रूपनगर शहर मात्र एक डेढ़ किलोमीटर में बसी हुई आबादी थी, लेकिन आज ये 4-5 किलोमीटर तक फैल गया है। 1992 में शहर की आबादी 20 हजार के आसपास थी और आज 28 साल बाद बढ़कर 56 हजार के आसपास है। कौंसिल की संपवेल बनाने की योजना
नगर कौंसिल शहर के दक्षिण पश्चिमी इलाके में बरसात के पानी की वजह से ओवरफ्लो होने वाले सीवरेज के पानी को निपटाने के लिए संप वेल बनाने का दावा कर रही है। ये संप वैल कब बन पाएगा और इसका शहरवासियों को कितना फायदा होगा, ये अभी समय के गर्भ में है। कौंसिल के कार्यसाधक अधिकारी भजन चंद का दावा है कि दशमेश नगर, हरगोबिद नगर, हवेली वार्ड नंबर एक समेत अन्य में संप वैल से काफी हद तक पानी के ओवरफ्लो होने या जमा होने की समस्या समाधान हो जाएगा। लापरवाहियों का नतीजा भुगत रहे शहरवासी: अशोक वाही
नगर कौंसिल रूपनगर के पूर्व प्रधान अशोक वाही बताते हैं कि शहर में योजनाबद्ध तरीके से कभी कुछ नहीं हुआ। अगर ऐसा होता तो 56 करोड़ रुपये के सीवरेज एवं पेयजल सप्लाई के प्रोजेक्ट का जनता को कोई फायदा होता। लेकिन वो भी असफल कहा जा सकता है। ड्रेनेज सिस्टम तो दूर की बात है। योजनाएं बनती रही हैं। लेकिन अमलीजामा नहीं पहनाया गया। जब सीवरेज में शहर की नालियों का पानी ही डाल दिया गया है तो इससे बड़ी बेवकूफी और लापरवाही क्या होगी। अब लोग भुगत रहे हैं।