पर्यटन को चार चांद लगा रही नंगल की राष्ट्रीय वेटलैंड
नंगल की राष्ट्रीय वेटलैंड वेटलैंड को इसकीे विशेषताओं के कारण ही इसे रामसर साइट में शामिल कर लिया गया है।
सुभाष शर्मा, नंगल: नंगल की राष्ट्रीय वेटलैंड वेटलैंड को इसकीे विशेषताओं के कारण ही इसे रामसर साइट में शामिल कर लिया गया है। वेटलैंड की विशेषताएं इतनी हैं कि उन्हें शब्दों में बयां करना मुश्किल है। अगर यहां का दौरा किया जाए, तो ही पता चल पाता है कि इसे क्यों रामसर साइट में शामिल किया गया है। ये हैं विशेषताएं ---- करीब 700 एकड़ क्षेत्र में फैली है राष्ट्रीय वेटलैंड ।
-- चार फरवरी 2008 को राष्ट्रीय वेटलैंड बनाने की हुई थी घोषणा ।
---- 2010 में वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी का मिला था दर्जा।
--- 2020 में रामसर साइट में किया गया शामिल।
--- वेटलैंड शिवालिक पहाड़ियों की गोद में स्थित होने के कारण यहां का नजारा बड़ा ही मनोहारी है।
--- कल-कल करता झील का पानी लगातार आगे बहने के कारण स्वच्छ व निर्मल है।
---- दूर देशों में बर्फबारी के कारण यहां हर साल हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी प्रवास करने आते हैं।
हर साल यह विदेशी परिदे आते हैं प्रवास पर नंगल की वेटलैंड में रूड़ी शेलडक, बार हेडेड गूज, मेलाडस, रेड नेक्ड ग्रेव, क्रस्टड पॉचर्ड, मैलोड, स्पॉटबिल, नार्दन शैवलर सहित कॉमन कूटस पक्षी हर साल आते हैं। इसके अलावा सुरखाव, रेड क्रस्टड पॉचर्ड, गेडवाल, पेंटेल डक, टफडिल डक, ग्रेट क्रस्टड गरिव, कार्मोरेंट, ग्रीन वारविट, पेंटर्ड स्टार्क, ब्राह्मणी सुरखाव व टेडोरमा जैसे पक्षी भी सुखद वातावरण में यहां पर आते हैं। वहीं फीरू गेनिया, लारस अरमेनिकस, आइथीया नाइरोरा, आइथीया फेरीना, अनास सेरिका, कॉमन टिल टिल, पिनटेल सिंखापर, ट्रिडक, येलो लेगड गुल व कॉसपीयन गुल सहित 37 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी वेटलैंड में हर साल आते हैं।