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पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए 200 पौधे

जागरण संवाददाता, नंगल पर्यावरण संरक्षण के लिए सहयोग देने में जुटे दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jun 2018 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jun 2018 04:25 PM (IST)
पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए 200 पौधे
पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए 200 पौधे

जागरण संवाददाता, नंगल

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पर्यावरण संरक्षण के लिए सहयोग देने में जुटे दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने समीपवर्ती औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल में पौधे लगाकर लोगों को जागरूक किया है। इस अभियान में स्वामी उमेशा नंद ने कहा कि हम सभी को स्वच्छता के प्रति गंभीरता दिखाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार पौधरोपण करना होगा। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर धरती के संतुलन को खराब किया जा रहा है। मानव के इसी निकृष्ट कर्म के कारण पृथ्वी, आकाश, वायुमंडल विकराल विष का रूप धारण कर चुके हैं। हमारे शास्त्रों में शिव शक्ति का वर्णन आता है, जिसमें शिव को पुरुष और शक्ति को प्रकृति रूप कहा गया है। यही शक्ति योग कृपाल महामाई के रूप में प्रतिष्ठित हुई वहीं जब दैत्यों का प्रकोप हद से बढ़ गया तो उसका संहार करने के लिए रौद्र रूप महाकालिका भी बनी। इसी प्रकार धरती तब तक है जब तक मानव पुत्रवत व्यवहार करे। अगर इंसान दैत्याकार कर्म करेगा तो धरा भी मातृभाव छोड़कर रौद्र रूप धारण करेगी।

स्वामी जी ने बताया कि आशुतोष महाराज जी कहते हैं कि प्राकृतिक विकास ही भौतिक और आर्थिक प्रगति की नींव है। प्राकृतिक अस्त-व्यस्तता को दूर करने के लिए प्रकृति रक्षण कार्यक्रम आरंभ किया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत मानव विकास को बदलाव के केंद्र में रखा गया है। धूमिल हो रहे मानव प्रकृति संबंध को फिर से स्थापित किया जा रहा है। इसलिए लोगों को आतरिक रूप से जागृत किया जा रहा है। इसलिए संरक्षण का मुख्य लक्ष्य जन चेतना की जागृति भी है। उन्होंने बताया कि अब तक टाहलीवाल क्षेत्र में 200 पौधे लगाए जा चुके हैं, जिसमें युवाओं की भागीदारी के साथ-साथ आमजनों को भी प्रकृतिक रक्षण का मतलब समझाने का प्रयास किया जा रहा है।


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